________________
85. काका कालेलकर. वियोगहरि, गांधी व्यक्तित्व विचार और प्रभाव, 13 86. यंग इंडिया, 6.4.24 87. गांधीजी, हिन्द स्वराज्य, 64-65 88. यंग इंडिया, 7.5.25 89. अहिंसा-1, 4 90. आचार्य महाप्रज्ञ, भिक्षु विचार दर्शन, 87. सं. 2003 91. आचार्य महाप्रज्ञ, मैं हूं अपने भाग्य का निर्माता, 244 92. एम.के.गांधी, सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा, 286 93. आचार्य महाप्रज्ञ, मेरे जीवन के रहस्य, 27-28 94. अहिंया यात्रा : इक्कीसवीं सदी का कालजयी आलेख, 282 95. महाप्रज्ञ ने कहा-16,126.27 । 96. अहिंसा-1, 80 हिन्दी नवजीवन, 2.12.1926 97. अहिंसा-4,394 98. युवाचार्य महाप्रज्ञ, अहिंसा तत्त्व दर्शन, 152 99. सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा, 306 100. आचार्य महाप्रज्ञ, धर्म के सूत्र, 140-41 101. हिन्दी नवजीवन, 20.9.28 102. गांधी-विचार-दोहन, 17 103. अहिंसा-1, 35-36 104. अहिंसा के संदर्भ में, 16-17 105. मैं : मेरा मन : मेरी शान्ति, 55 सं. दूसरा 1970 106. महात्मा गांधी, 158-59 107. अहिंसा यात्रा : इक्कीसवीं सदी का कालजयी आलेख, 334-35 108. महाप्रज्ञ ने कहा-3,176 109. मुनि मोहजीत कुमार, अहिंसा यात्रा का उल्लास यादों के आस-पास,19.24 110. हरिजन सेवक, 29.6.47 111. गांधी चित्रावली, 123 112. महात्मा गांधी, 347-48 113. अहिंसा यात्रा : इक्कीसवीं सदी का कालजयी आलेख, 57 114. महाप्रज्ञ ने कहा-4,86 115. अहिंसा यात्रा : इक्कीसवीं सदी का कालजयी आलेख, 32 116. महाप्रज्ञ ने कहा-4,169 117. अहिंसा के अछूते पहलु, 69-70 118. महाप्रज्ञ ने कहा-4,41.42 119. अणुव्रत की दार्शनिक पृष्ठभूमि, 160-61 120. विज्ञप्ति, 7. 3.8.2005. 7 121. अहिंसा-1,20-21,109.17 हिन्दी नवजीवन, 11-10.1928 122. हिन्दी नवजीवन, 14-10-1926 123. आचार्य महाप्रज्ञ, किसने कहा मन चंचल है, 54. सं. 2003 124. आचार्य महाप्रज्ञ, ऋषभ और महावीर, 67-68 125. ऋषभ और महावीर, 69-71 126. तेरापंथ टाइम्स, 12-18 जनवरी, 2009,11
समन्वय की दिशा : एक चिंतन / 407