________________
. 3 मार्च, 1939 राजकोट में गांधीजी द्वारा राजकोट नरेश पर जनता के साथ किये गये समझौतों
के भंग करने पर 4 दिन का अनशन तथा 7 मार्च को अनशन त्याग। . 10 फरवरी, 1943 आगा खां महल में-'भारत छोड़ो आन्दोलन' के संबंध में सरकार द्वारा
गांधी पर हिंसा का आरोप करने पर तीन सप्ताह का उपवास तथा 3 मार्च को प्रार्थना के बीच उपवास समाप्ति। गांधी को 6 औंस संतरे का रस पिलाया। अक्टूबर-नवम्बर 1946 बिहार में बिहार के साम्प्रदायिक दंगे के प्रायश्चित स्वरूप इक्कीस दिन का अर्ध उपवास, फलों के रस के सिवा अन्य चीजों का त्याग तथा घोषणा की यदि भूल करने बिहारी अपना सुधार नहीं करते तो यह थोड़ा आहार (अर्ध-उपवास) आमरण अनशन में परिवर्तित हो जायेगा। 1 सितम्बर (रात 8.15 मिनट पर) 1947 कलकत्ता में 31 अगस्त की शाम गांधीजी के कलकत्ता के निवास स्थान पर साम्प्रदायिक सदभावना हेत गांधी द्वारा उपवास तथा 4 सितम्बर रात सवा नौ बजे सुहरावर्दी द्वारा दिये गये मीठे संतरे के रस के साथ उपवास त्याग। 13 जनवरी 1948, दिल्ली में दिल्ली के साम्प्रदायिक दंगे को शांत करने और सद्भावना स्थापना हेतु प्रातःकाल प्रथम खुराक के बाद उपवास। नमक, सोडा, खट्टा-नींबू मिश्रित अथवा रहित जल के अतिरिक्त और कुछ न लेने का निश्चय । उपवास की अवधि अनिश्चित काल, किन्तु 18 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर प्रार्थना के पश्चात् उपवास-त्याग।
414 / अँधेरे में उजाला