Book Title: Sthananga Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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श्री स्थानांग सूत्र
देवे । साधु नगर से बाहर बगीचे में अथवा उदयान में गया हुआ हो और उसी समय राजा का अन्तःपुर भी क्रीड़ा आदि के लिए उसी बगीचे या उदयान में चला जाय और चारों तरफ से घेर कर वहां ठहर जाय तो साधु भी वहां रह सकता है । इन पांच कारणों से राजा के अन्तःपुर में प्रवेश करता हुआ श्रमण निर्ग्रन्थ भगवान् की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करता है ।
विवेचन - अनुद्घात - जिस प्रायश्चित्त में कमी न की जा सके वह अनुद्घात कहलाता है । ऐसा प्रायश्चित्त जिनको दिया जाय वे अनुद्घातिक कहलाते हैं ।
राजा के अन्तःपुर में प्रवेश करने के पाँच कारण - पाँच कारणों से राजा के अन्तःपुर में प्रवेश करता हुआ श्रमण निर्ग्रन्थ साधु के आचार या भगवान् की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करता है। ...
१. नगर प्राकार (कोट) से घिरा हुआ हो और दरवाजे बन्द हों। इस कारण बहुत से श्रमण, माहण, आहार पानी के लिये न नगर से बाहर निकल सकते हों और न प्रवेश ही कर सकते हों। उन श्रमण, माहण आदि के प्रयोजन से अन्तःपुर में रहे हुए राजा को या अधिकार प्राप्त रानी को मालूम.. कराने के लिये मुनि राजा के अन्तःपुर में प्रवेश कर सकते हैं। .
२. पडिहारी (कार्य समाप्त होने पर वापिस करने योग्य) पाट, पाटले, शय्या, संथारे को वापिस देने के लिये मुनि राजा के अन्तःपुर में प्रवेश करे। क्योंकि जो वस्तु जहाँ से लाई गई है उसे वापिस वहीं सौंपने का साधु का नियम हैं।
पाट, पाटलादि लेने के लिये अन्तःपुर में प्रवेश करने का भी इसी में समावेश होता है। क्योंकि ग्रहण करने पर ही वापिस करना सम्भव है।
३. मतवाले दुष्ट हाथी, घोड़े सामने आ रहे हों उनसे अपनी रक्षा के लिये साधु राजा के अन्तःपुर में प्रवेश कर सकता है। ___४. कोई व्यक्ति अकस्मात् या जबर्दस्ती से भुजा पकड़ कर साधु को राजा के अन्तःपुर में प्रवेश करा देवे।
। ५. नगर से बाहर आराम या उद्यान में रहे हुए साधु को राजा का अन्तःपुर (अन्तेउर) वर्ग चारों तरफ से घेर कर बैठ जाय।
. गर्भधारण के कारण पंचहि ठाणेहिं इत्थी पुरिसेण सद्धिं असंवसमाणी वि गब्भं धरेग्जा तंजहा - इत्थी दुधियडा दुणिसण्णा सुक्कपोग्गले अहिटिग्जा, सुक्कपोग्गल संसिट्टे वा से वत्ये अंतो जोणिए अणुपवेसिज्जा, सई वा सा सुक्कपोग्गले अणुपवेसिज्जा, परो वा से सुक्कपोग्गले अणुपवेसिज्जा, सीओदगवियडेण वा से आयममाणीए सुक्कपोग्गला.
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