Book Title: Sthananga Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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स्थान १०
३०१
आवी, कोसी, मही, सिंधू, विवच्छा, विभासा, एरावई, चंदभागा । जंबूमंदरउत्तरेणं रत्ता रत्तवईमहाणईओ दस महाणईओ समप्येति तंजहा - किण्हा, महाकिण्हा, णीला, महाणीला, तीरा, महातीरा, इंदा, इंदसेणा, वारिसेणा, महाभोगा ।
राजधानियाँ और दीक्षित राजा जंबहीवे दीवे भरहे वासे दस रायहाणीओ पण्णत्ताओ तंजहा -
चंपा महुरा वाणारसी, य सावत्थी तह य साएयं ।
हत्यिणउर कंपिल्लं, मिहिला कोसंबी रायगिहं ॥१॥ एयासु णं दस रायहाणीसु दस रायाणो मुंडे भवित्ता जाव पव्वइया तंजहा - भरहे, सगरो, मघवं, सणंकुमारो, संती, कुंथ, अरे, महापउमे, हरिसेणो, जयणामे॥११९। ... कठिन शब्दार्थ - सहुमा - सूक्ष्म, पणगसहमे - पनकसूक्ष्म, सिणेह सहमे - स्नेह सूक्ष्म, गणिय सहुमे - गणित सूक्ष्म, भंगसहमे - भंग सूक्ष्म ।
भावार्थ - दस सूक्ष्म कहे गये हैं यथा - प्राण सूक्ष्म - कुन्थुआ आदि। पनक सूक्ष्म - लीलण फूलण, बीजसूक्ष्म, हरितसूक्ष्म - हरी लीलोती, नवीन अंकुर, पुष्पसूक्ष्म - फूल, अण्ड सूक्ष्म - मक्खी छिपकली आदि के अण्डे, लयनसूक्ष्म - कीड़ी नगरा, स्नेहसूक्ष्म - ओस, बर्फ, ओले आदि का सूक्ष्म जलं, गणितसूक्ष्म - गणित सम्बन्धी जोड़ बाकी आदि, भङ्गसूक्ष्म - विकल्प-भांगे आदि ।
जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के दक्षिण में गङ्गा सिंधु महानदियों में दस महानदियाँ जाकर मिलती हैं अर्थात् पांच नदियाँ तो गंगा नदी के अन्दर जाकर मिलती है और पांच नदियाँ सिन्धु नदी में जाकर मिलती हैं उनके नाम इस प्रकार हैं - यमुना, सरयू, आवी, कोसी, मही, सिन्धु, विवत्सा, विभाषा, ऐरावती, चन्द्रभागा । जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत के उत्तर में रक्ता और रक्तवती महानदियों में दस महानदियाँ जाकर मिलती हैं अर्थात् पांच नदियाँ रक्ता नदी में जाकर मिलती हैं और पांच नदियां रक्तवती नदी में जाकर मिलती हैं। उनके नाम इस प्रकार हैं - कृष्णा, महाकृष्णा, नीला, महानीला, तीरा, महातीरा, इन्द्रा, इन्द्रसेना, वारिसेना और महाभोगा। . इस जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र में दस राजधानियां कही गई है उनके नाम इस प्रकार हैं - चम्पा, मथुरा, बनारस, श्रावस्ती, साकेत-अयोध्या, हस्तिनापुर, कम्पिलपुर, मिथिला, कोशाम्बी और राजगृह । इन दस राजधानियों में दस राजा मुण्डित होकर दीक्षित हुए थे उनके नाम इस प्रकार हैं - भरत, सगर, मघवान्, सनत्कुमार, शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ, अरनाथ, महापद्य, हरिसेन और जयनामा ।
विवेचन - सूक्ष्म दस प्रकार के होते हैं। वे ये हैं -
१. प्राण सूक्ष्म २. पनक सूक्ष्म ३. बीज सूक्ष्म ४. हरित सूक्ष्म ५. पुष्प सूक्ष्म ६. अण्ड सूक्ष्म ७. लयन सूक्ष्म (उत्तिंग सूक्ष्म) ८. स्नेह सूक्ष्म ९. गणित सूक्ष्म १०. भङ्ग सूक्ष्म।
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