Book Title: Sthananga Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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स्थान १०
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इंदा अग्गीड़ जमा णेरई, वारुणी य वायव्वा ।
सोमा ईसाणा वि य विमला य तमा य बोद्धव्वा ॥ १ ॥ लवण समुद्र और पाताल कलश
लवणस्स णं समुद्दस्स दस जोयणसहस्साइं । गोतित्थविरहिए खेत्ते पण्णत्ते । लवणस्स णं समुद्दस्स दस जोयणसहस्साइं उदगमाले पण्णत्ते । सव्वे वि णं महापायाला दसदसाइं जोयणसहस्साइं उव्वेहेणं पण्णत्ता, मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ता, बहुमज्झदेसभाए एगपएसियाए सेढीए दसदसाइं जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ता, उवरिं मुहमूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ता, तेसि णं महापायालाणं कुड्डा सव्ववइरामया सव्वत्थसमा दस जोयणसयाई बाहल्लेणं पण्णत्ता । सव्वे वि णं खुद्दा पायाला दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं पण्णत्ता - -मूले दसदसाइं जोयणाइं विक्खंभेणं पण्णत्ता, बहुमज्झदेसभाए एगपएसियाए सेठीए दस जोयणसयाइं विक्खंभेणं पण्णत्ता । उवरिं मुहमूले दसदसाइं जोयणाइं विक्खंभेणं पण्णत्ता । तेसि णं खुड्डापायालाणं कुड्डा सव्ववइरामया सव्वत्थसमा दस जोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ता । धायइसंडगा णं मंदरा दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं धरणियले सूणाई दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ता, उवरिं दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पण्णत्ता । पुक्खरवरदीवडगा णं मंदरा दस जोयण एवं चेव । सव्वे वि णं वट्टवेयड्ड पव्वया दस जोयणसयाई उड्डुं उच्चत्तेणं, दस गाउयसयाई उठवेहेणं, सव्वत्थसमा पल्लगसंठाणसंठिया पण्णत्ता, दसजोयणसयाइं विक्खंभेणं पण्णत्ता ।
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दस क्षेत्र और पर्वत
जंबूद्दीवे दीवे दस खेत्ता पण्णत्ता तंजहा भरहे, एरवए, हेमवए, हिरण्णवए, हरिवासे, रम्मगवासे, पुव्वविदेहे, अवरविदेहे, देवकुरा, उत्तरकुरा | माणुस्सुत्तरे णं पव्वए मूले दस बावीसे जोयणसए विक्खंभेणं पण्णत्ता । सव्वे वि णं अंजणपव्वया दसजोयणसयाई उठवेहेणं मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ता, उवरिं दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पण्णत्ता । सव्वे वि णं दहिमुहपव्वया दस जोयणसयाई उव्वेहेणं सव्वत्थसमा पल्लगसंठाणसंठिया दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ता । सव्वे वि णं रइकरगपव्वया दस जोयणसयाई उड्डुं उच्चत्तेणं, दस गाउयसयाइं उव्वेहेणं
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