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"सम्मेद शिखर- विवाद क्यों और कैसा?"
आचार्य श्री नरदेवसागर सूरीश्वरजी म. सा. दिगम्बर समाज के तथाकथित कुछ नेता महान् पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखरजी के प्रबन्ध में हक प्राप्त करने के लालच में जो उलटेसीधे राजनीतिक खेल, खेल रहे हैं उससे सम्मेद शिखरजी की पवित्रता और गरिमा नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो गया है । सच को झूठ में बदल कर तथा झूठ को सच बतलाने का जो व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है उसके निवारण हेतु " सम्मेद शिखर विवाद क्यों और कैसा ?'' पुस्तक का प्रकाशन एक लघु प्रयास होते हुये भी अपने आप में एक बहुत ही महत्वपूर्ण, आवश्यक एवं सामयिक प्रयास है, हार्दिक बधाई ।
इस धार्मिक मामले में बिहार सरकार का हस्तक्षेप निन्दनीय होने के साथ ही झूठ को सच में बदलने वालों को संरक्षण और समर्थन देने का प्रयास मात्र है ।
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यदि पुराने फरमानों को न्याय और नैतिक दृष्टि से देखा जाये तो सम्मेद शिखर का तथाकथित विवाद बेबुनियाद और दूषित भावना का ही प्रतीक है।
हम सभी, तीर्थ की पवित्रता और गरिमा की रक्षार्थ जागरूक एवं सक्रिय बनें तथा प्रभु! इस अनुचित और दुःखद षडयंत्र को असफल बनायें | साथ ही दिगम्बर समाज के तथाकथित नेताओं को सद्बुद्धि दे ।
अहमदाबाद
ता. 1 जुलाई 1998
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- गुर्वाज्ञा से चन्द्रकीर्ति
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