Book Title: Sammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Author(s): Mohanraj Bhandari
Publisher: Vasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir

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Page 114
________________ श्री वासुपूज्य स्वामी जैन मन्दिर का संक्षिप्त परिचय 27 सम्बल है, जो मन्दिर-कार्य को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर कर रहा है। पादरली, जिला जालोर (राज.) के श्री हीराचंदजी साहब साकरिया के दो पुत्र श्री जेठमलजी व श्री गणेशमलजी ..... वर्तमान में जिन शासन के सितारे आचार्य श्री जितेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. एवं आचार्य श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी म. सा. के नाम से सुविख्यात हैं। --किशन माहेश्वरी सी.ए., सी. एस. - उमेश भण्डारी एम. कार. दर्शन-पूजन से उपवासों का लाभ | "भगवान के दर्शन का विचार मन में उत्पन्न होते ही एक उपवास का लाभ, दर्शन के लिये उठते समय दो उपवास का, गमन के प्रारम्भ में तीन उपवास, गमन करने पर चार उपवास, कुछ चलने पर पाँच उपवास, आधा मार्ग जाने पर पन्द्रह उपवास, मन्दिर दृष्टिगत करने पर तीस उपवास, मन्दिर के पास जाने पर 6 माह के उपवास, मन्दिर का द्वार देखने पर बारह माह के उपवास, प्रदक्षिणा (फेरी) देने पर 100 वर्ष के उपवास, भगवान की धूप आदि से पूजा करने पर 1000 वर्ष के उपवास का और जिनेश्वर भगवान की स्तुति करने से अनन्त पुण्य का लाभ होता - पद्य चरित्र व उपदेश प्रासाद Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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