Book Title: Sammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Author(s): Mohanraj Bhandari
Publisher: Vasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir

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Page 113
________________ श्री वासुपूज्य स्वामी जैन मन्दिर का संक्षिप्त परिचय प.पू. आचार्य श्री जितेन्द्र प.पू. आचार्य श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. सूरीश्वरजी म.सा. प.पू. विशालगच्छनायक, आचार्यदेव श्रीमद् विजय भुवनभानु सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न प.पू. मेवाड़ देशोद्धारक, प्रतिष्ठा शिरोमणि आचार्यदेव श्री जितेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा.विशेषकर राजस्थान में विद्यमान प्राचीन जैन मन्दिरों के जीर्णोद्धार एवं नूतन मन्दिरों के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर करवा रहे हैं। आज के समय में यही जिनशासन की श्रेष्ठ सेवा है। इसके माध्यम से ही धार्मिक आस्था पैदा होती है तथा प्राचीन जैन संस्कृति का रक्षण भी होता है। _ मेवाड़ देशोद्धारक के शिष्यरत्न प.पू. विश्वशान्ति प्रणेता, शताधिक दीक्षादाता, युवक जागृतिप्रेरक आचार्य श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. मन्दिरों के निर्माण, जैन साहित्य के प्रकाशन एवं धार्मिक शिविरों के माध्यम से जिनशासन की अनुमोदनीय सेवा कर रहे हैं। पुष्कर रोड के नूतन मन्दिर निर्माण में भी आपका मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद संघ को मिला। समय-समय पर प्राप्त आपका मार्गदर्शन-सहयोग एक ऐसा

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