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"सम्मेद शिखर-विवाद क्यों और कैसा?"
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__ आशा है कि उक्त पुस्तक सत्य को उजागर कर झूठ को बेनकाब करेगी। हार्दिक शुभकामनाओं के साथथाने (महाराष्ट्र)
-जे. के. संघवी ता. 22 जून 1998
सम्पादक- "थाश्वत धर्म' ****
• श्री जी.आर. भण्डारी (संयोजक-श्री वासुपूज्य स्वामी जैन श्वेताम्बर मन्दिर, अजमेर) द्वारा ज्ञात हुआ कि आप श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ के सन्दर्भ में एक प्रमाणिक पुस्तक लिख रहे हैं। आपका प्रयास सफल हो, यही शुभ कामना है।
पुस्तक झूठे प्रचार का समाधान कराने में सहायक बने, इसी भावना-कामना के साथ पुन:-पुन: मंगल कामना। आगरा
-वीरेन्द्रकुमार लोढ़ा ता. 31 मई 1998
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सम्पादक "श्वेताम्बर जैन" साताहिक
•सम्मेद शिखरजी तीर्थ के तथाकथित विवाद को लेकर श्री मोहनराजजी साहब भण्डारी सत्यों और तथ्यों के साथ पुस्तक लिख कर भ्रान्तियों का निवारण करने का जो सामयिक और आवश्यक प्रयास कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है।
विश्वास है कि उक्त पुस्तक के माध्यम से सारी स्थिति स्पष्ट होगी एवं अपने पक्ष को सभी समझ पायेंगे। पुस्तक में कटु सत्य को भी सौम्य एवं सरलता से दर्शाया जायेगा। जयपुर
-उत्तमचंद सचेती ता. 15 जून 1998
पूर्व अध्यक्ष-जवाहर नगर जैन संघ, जयपुर ****
.श्री सम्मेद शिखरजी के तथाकथित विवाद के बारे में सत्य क्या है तथा झूठ का सहारा लेने वालों को सही सलाह देने हेतु "सम्मेद शिखर विवाद क्यों और कैसा?" शीर्षक पुस्तक प्रकाशित करने के आपके निर्णय का हम स्वागत करते हैं।
राजनीति में धर्म का प्रवेश जहाँ देश को उन्नति की ओर ले जाता है वहां धर्म में राजनीति का प्रवेश देश और समाज को डूबो देता है।
सम्मेद शिखर की भांति केशरियाजी तीर्थ को विवादित बनाकर प्रबन्ध में Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com