________________
"सम्मेद शिखर-विवाद क्यों और कैसा?"
75
उचित नहीं है । धार्मिक स्थानों का संचालन उन-उन धर्म के सिद्धान्तों के मुताबिक उन-उन धर्म के श्रद्धालु, आराधक वर्ग करें और उसमें सरकार सुसहायक बने, यही सरकार के लिये उचित और कर्तव्य है। आथा है आप उक्त अध्यादेश को पारित नहीं होने देंगे।'
एस.एम.जे.तीर्थ रक्षा ट्रस्ट का परिपत्र सम्मेद शिखर तीर्थ के मामले में जो भ्रान्तियां उत्पन्न की जा रही हैं उनके निराकरण हेतु एस.एम. जे. तीर्थ रक्षा ट्रस्ट अहमदाबाद ने जो परिपत्र, नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रसारित किया है वह निम्न प्रकार है
श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ के बारे में सदस्यगणों द्वारा नवीनतम प्रगति की जानकारी चाही जाती रही है । सही वस्तुस्थिति बताने हेतु हम यहां नवीनतम प्रगति संबंधी कुछ तथ्य प्रस्तुत करते
• जैसी कि आम धारणा है कि हम सम्मेद शिखरजी संबंधी समस्त मुकदमें हार चुके हैं, सही नहीं है।
• एकल पीठ के निर्णय के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय पटना की रांची बैंच में हमने अपील की है और वे सभी (अपीलस्) स्वीकार कर ली गई हैं। अपीलस् (हाईफिन) लिस्ट में लग चुकी हैं और शीघ्र ही उनकी सुनवाई हो कर निर्णय हो जायेगा।
कमेटी निर्माण से संबंधित निर्णय के विरुद्ध हमने माननीय उद्यतम् न्यायालय में एक एस.एल.पी. दायर की थी किन्तु माननीय उद्यतम न्यायालय ने इन्टमिडिमेटरी स्टेज पर ही इस मामले में दखल देने से इन्कार कर दिया किन्तु माननीय उद्यतम न्यायालय ने Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com