Book Title: Sammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Author(s): Mohanraj Bhandari
Publisher: Vasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir

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Page 110
________________ श्री वासुपूज्य स्वामी जैन मन्दिर का संक्षिप्त परिचय 23 प.पू. आगम विशेषज्ञ, आचार्य श्री धर्मधुरन्धर सूरीश्वरजी म.सा. निर्माणाधीन मन्दिर के निर्माण कार्य का अवलोकन करने के बाद दिशा-निर्देश देते हुए। मआ प.पू. युवक जागृति प्रेरक, शताधिक दीक्षादाता, आचार्य श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. से विचार-विमर्श करते हुए मन्दिर के संयोजक जी.आर. भण्डारी। परमात्मा के दस हजार बार नामस्मरण से जो लाभ नहीं होता है, वह एक बार जिनेश्वर प्रतिमा के आलम्बन (दर्शन) से हो सकता है। -पंन्यास भद्रंकरविजय

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