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श्री वासुपूज्य स्वामी जैन मन्दिर का संक्षिप्त परिचय
नूतन मन्दिर के निर्माण कार्य का अवलोकन कर संघ का मार्गदर्शन किया एवं इस क्षेत्र में मन्दिर निर्माण को आवश्यक बताया।
सेठ श्री आनन्दजी कल्याणजी पेढ़ी (अहमदाबाद), श्री शंखेश्वर भोयणि पेढ़ी (अहमदाबाद), श्री नाकोड़ा जैन तीर्थ (मेवानगरबाडमेर), श्री चन्द्रप्रभुजैन नया मन्दिर (मद्रास), श्री लाकडिया जैन तीर्थ उपधान समिति, लाकडिया (कच्छ-गुजरात), श्री विले पारले श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ एण्ड चेरीटीज (मुम्बई), श्री जैन मित्र मण्डल (पालनपुर), सेठ श्री कल्याणजी सोभागचन्द जैन पेढ़ी (पिण्डवाडा), श्री नरसी भाई हीरजी भाई घाणीधर (कच्छ) एवं मद्रास, बैंगलोर, मुम्बई, अहमदाबाद आदि कई मन्दिर पेढ़ियों के सराहनीय सहयोग से पुष्कर रोड के एक मात्र पवित्र-श्रेष्ठ व धार्मिक स्थल जैन मन्दिर को भव्य-सुन्दर बनाने का प्रयास संघ ने किया है और कर रहा है।
नूतन मन्दिर को लघुतीर्थ का स्वरूप प्राप्त हो इसी क्रम में नूतन मन्दिर से लगभग 100-125 मीटर की दूरी पर गत वर्ष (अगस्त, 1997) में एक विशाल भूखण्ड दस हजार वर्ग फुट का खरीदा गया। इस विशाल भूखण्ड पर जैन आराधना भवन, जैन-भोजनशाला, धर्मशाला, पुस्तकालय आदि के निर्माण की योजना विचाराधीन है। तीर्थस्थल में उपलब्ध सभी सुविधाओं का समावेश अनुकूलता के अनुसार किया । जायेगा। संघ आभारी है..... प.पू. 1008 वर्धमान तपोनिधि, न्यायविशारद, आचार्य श्री भुवनभानु सूरीश्वरजी म.सा. एवं मुनि
श्री भुवन सुन्दर विजयजी म.सा. (वर्तमान में पंन्यास) का जिन्होंने 1989 में मन्दिर के निकट ही जैन उपाश्रय के निर्माण का सुझाव दिया था एवं योजना को क्रियान्वित करने व उत्साहवृद्धि के लिये श्री जिनशासन सेवा समिति धोलका (अहमदाबाद) के प्रमुख समाजरत्न श्री कुमारपाल वि.शाह को प्रेरणा देकर 11 दिसम्बर, 1989 को साठ हजार रुपये का Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com