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डॉ० सागरमल जैन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Guna Sagar
Dr. Sudha Jain*
S- Saintliness (साधुता) A - Alertness (स्फूर्ति) G-Generousness (उदारता) A - Articulateness (स्पष्टता) R- Reconditeness (गूढ़ता) M-Mannerliness (सुशीलता) A - Acuteness (तीक्ष्णता) L-Limpness (मृदुता) J- Judiciousness (विवेकशीलता)
A- Artlessness (सरलता) I - Incessantness (नित्यता)
N- Nativeness (स्वाभाविकता) *Lecturer, Parshvanath Vidyapith, Varanasi
सागर-सप्तपदी
डॉ० धूपनाथ प्रसाद
सादगी-सम्यक्-सहृदय, गगन का विस्तार मन है !
रम्य-मोहन दर्प-आनन, मलय-सा मुस्कान तन है !! लख न पाये विद्वत् विदूषी,
जैन-जीवन जागरण-जन - नवल-धवल नभ आपका है !!!
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