________________
१०४ ] मुनिजी प्रताप अभिनन्दन राम
ITRATihari पायवा बिनोद तो पिrim'THE, TH
र? की गिन नापना मितीमा
म ..! रहार गयना गगन परे, नाUिT : 7 fult -1 बनार उग विधान पं. गोमMir
i In 2 गन गगार पोगा ITRA TET
RIT मार ही माप विशादान मे नानी भी
Sirritt -... FREE गांधी का एक जीपन सम्माण बारोमा।
महात्मा गांधी arrfri HTTR A आश्रम में देश के अंग गोटि मा
पानीमा नीEि TE पर विचार विमर्श करना य मार्ग गनना धाया
. arr: निर्धारित समय की प्रतीक्षा कर रहे थे। जनक किसी भी श्री mi r at हो रहे थे। पर महात्मा जी नानी मानिन
म
र मे. सममा रहे थे।
पििचन विदेशी नागा गोमोजो rian भी मरत्वपूर्ण कार्यों का नाग और देर रात गमा TTER
गांधीजी ने म्मित मुमा से उपर देने का - Amar zmi Err और क्या कहता' चुर हाकर बंट गया । ठोमा गीत यही कारण है कि आप अपने ममीप रहने वाले
मामो पतन पढाया एव रटाया हो परत है। अनेक माधु-नायो नी भन न मुयोग fri', र मिना पढना एव व्याधान गला का आप में प्रशिक्षण ग्रहण गे। पिय मा यः सुशिक्षित होकर आज ऊंत्री श्रेणी में योग्य धागा मन पर निशाना मी माग
वस्तुत ममन्यय आपके जीवन का मोनिस गुण: । मनः मार दिमिर मरने की मदेव इच्छा बनी रहती है। आप भी जिन शामन रे उदीयमान 'भागा। पापि नानाविध गुप रत्नो से चमकते-दमकते माप गभीर गनार हैं । जो गोने लगाने पर ही मिल पा रहा मो:"जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पंट' जिसने गुरु महागज पे चरण में है जाने अवमेव मिटा फल पाया है।