Book Title: Panchsangraha Part 10
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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सप्ततिका-प्ररूपणा अधिकार : गाथा १३,१४ क्रम बंध प्र० उ० प्र० स० प्र०
गुणस्थान
१,२
awr
१,२
३, ४, ५, ६, ७, तया ८वें के पहले संख्यात भाग
३, ४, ५, ६, ७ तथा ८वें के पहले संख्यात भाग
उपशम श्रेणि में ८वें के दूसरे भाग से लेकर १०वें के चरम समय पर्यन्त दोनों विकल्प
उपशांतमोह गुणस्थान
XXX
क्षीणमोह के चरम समय में
क्षपक श्रेणि के नौवें दसवें गुणस्थान में
क्षीणमोह के द्विचरम समय पर्यन्त
X
मतान्तर
»
क्षपकवेणि में स्त्यानद्वित्रिक के क्षय बाद अनिवृत्तिबादरसंपराय, सूक्ष्मसंपराय गुणस्थान पर्यन्त
क्षपक|णि में क्षीणमोह के द्विचरम
समय पर्यन्त For Private & Personal Use Only
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