Book Title: Panchsangraha Part 10
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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रिशिष्ट ३ :
व्यस्थान
प्र.
प्र.
प्र.
प्र.
प्र.
प्र.
प्र.
प्र.
प्र.
अन्यतम संज्वलन कषाय
स्थानगत प्रकृतियाँ
अन्यतम वेद का प्रक्षेप
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हास्य युगल या शोक युगल के
प्रक्षेप से
भय के प्रक्षेप से
कुत्सा के प्रक्षेप से
अन्यतम प्रत्या. कषाय के प्रक्षेप से
अप्रत्या. के प्रक्षेप से
अनन्ता के प्रक्षेप से
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मोहनीयकर्म के उदयस्थानों का प्रारूप
मिथ्यात्व के प्रक्षेप से
उदयस्थान प्रकार
४ प्रकर
( क्रोधादि के द्वारा)
१२ प्रकार
( ४ कषाय X ३ वेद ).
२४ प्रकार
( ४ क. X ३वे X २ यु.)
11
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13
जघन्य काल
एक समय
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उत्कृष्ट काल
अन्तमुहूर्त
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17
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17
सप्ततिका प्ररूपणा अधिकार : परिशिष्ट ३
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