________________ (233) 15. तेइन्द्रिय जीव रक्षक 16. चौरिन्द्रिय जीव रक्षक 17. पंचेन्द्रिय जीव रक्षक 18. लोभ निग्रह कारक 19. क्षमा गुण युक्त 20. शुभ भावना भावक 21. प्रतिलेखानादि शुद्ध क्रिया कारक 22. संयम योग युक्त 23. मनोगुप्ति युक्त 25. कायगुप्ति युक्त 26. शीतादि द्वाविंशति परीषह सहने में तत्पर 27. मरणांत उपसर्ग सहने में तत्पर अन्य प्रकार से भी ये गुण उपलब्ध होते हैं1-5. पंचमहाव्रत 6. अरात्रि भोजन 7-11. पाँचों इन्द्रियों का संयम 12. आन्तरिक पवित्रता 13. भिक्षु उपाधि की पवित्रता 14. क्षमा 15. अनासक्ति 16. मन की सत्यता 17. वचन की सत्यता 18. काया की सत्यता 1. बोलसंग्रह भाग-७ पृ. 228