Book Title: Panch Parmeshthi Mimansa
Author(s): Surekhashreeji
Publisher: Vichakshan Smruti Prakashan

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Page 338
________________ (335) जाएगा। जब रंगों में बदलते बदलते भाषा से भी आगे जाकर श्वांस की लेखनी से लिखकर आगे बढ़े तभी इसकी सार्थकता है। रंगों पर ध्यान जाना ही विशेष महत्त्वपूर्ण है। मंत्र के माध्यम से, रंगों की भूमिका साधते हुए भी शब्द से आगे, अशब्द होना है, शब्दातीत होना है, भाषा से भी परे होना है। पंच पदों से संबंधित वर्गों के साथ उपासना करते समय रंग की विशिष्टता चारों ओर बाहर-भीतर, बहिर्जगत्, और अन्तर्जगत् में क्रान्तिकारी प्रभाव हो सकेगा। तभी यह अद्भुत शक्ति बनकर आत्मजागरण, आत्मिकशक्ति को उजागर करने वाला साधन बन सकता है। इससे बनी साधनामूलक भूमिका पर आरूढ़ होकर विशिष्ट रंगों के माध्यम से सिद्धि की ओर आगे बढ़ना है। वास्तव में ये रंग भी साधन मात्र ही है। साधक को साधन का अवलम्बन लेकर साध्य सिद्ध करना है। साध्य स्वरूप पंचपरमेष्ठी पदों को साधना है। यह एक अद्भुत बात है कि ब्रह्माण्ड में रंग व्याप्त है, वहाँ ध्वनि भी व्यास है। रंग और ध्वनियाँ परस्पर संबंधित है। हमारे जीवन में इनकी व्याप्ति है। वस्तुतः ध्वनियों के रंग होते हैं। टेलिविजन में कलर ट्रान्समिट करते हैं, उनको कलर में बदला जाता है। ध्वनियों के समान रंगों को भी तरंगों के माध्यम से भेजा जाता है। परमेष्ठी पदों के भी अपने अपने वर्ण (रंग) हैं। आचार्यों ने इनमें निहित वर्णों को दर्शाया है। रंगों का अपना बहुत बड़ा महत्त्व है। आज तो रंग चिकित्सा (कलर थेरेपी) चिकित्सा पद्धति में अपना अनूठा स्थान रखती है। रोगों का निवारण रंगों के माध्यम से किया जा रहा है। शरीर पर कपड़ों का रंग, कमरे की दीवारें उसमें अमुख रंग का वल्ब, रंग का सेक देकर रोगों का निदान किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी रंगों का महत्त्व कम नहीं। प्रत्येक ग्रह, नक्षत्रों के भी अपने रंग होते है। उग्र ग्रहों के शमन के लिए अथवा ग्रहों को उत्तेजित करने के लिए विशेष रंग का नग धारण करना, माला, वस्त्र आदि विशेष रंग का धारण करके जाप आदि अनुष्ठान करने की प्रक्रिया भी प्रचलित है। इन मन्त्र के संदर्भ में रंग-विज्ञान को लेकर सूक्ष्म व गहराई से चिन्तन . अपेक्षित है। क्योंकि यह मंत्र रंगों के माध्यम से प्रकृति से तो जुड़ा है साथ ही आध्यात्मिकता से भी जुड़ा हुआ है, रंगों के समान ही इसकी व्याप्ति है। रंगों का यह आयाम आधुनिक रंग-विज्ञान के संदर्भ में इस मंत्र की प्रकृति से संबद्ध पक्ष के रहस्य को उद्घाटित करने में सहायक सिद्ध हुआ है।

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