________________ (374) 250 गा. रचना सं. 1168 जयचन्द्र कदाच नं. 15-16 वाला संभवित अभयदेवसूरि जिन सा.नि.वि. रामपुरा (उप्र.) 58. पंच परमेष्ठी महास्तव-जिनकीर्ति 59. पंच परमेष्ठी वंदन 60. पंच परमेष्ठी विवरण-मतिसागर 61. पंच परमेष्ठी सम्प्रदाय 62. पंच परमेष्ठी स्तव 63. पंच परमेष्ठी स्तव-अज्ञातकर्तक 64. पं. प. स्तव/भक्ति स्तोत्र-मानतुंग सूरि 65. पं. प. स्तव-जिनप्रभसूरि-टीका 66. णमोकार मंत्र महात्म्य-आ. उमास्वामी (अनु.) (ग)अपभ्रंश-हिन्दी-गुजराती भाषा में 1. तेरस भेअ नवकार पडल सरूप-फल अपभ्रंश 2. नवकार रास अपभ्रंश 3. नवकार फल वर्णन अपभ्रंश 4. विषहरमंत्रगर्भित पंचपरमेष्ठी मंत्र स्रोत 5. पंच परमेष्ठी नमस्कार माहात्म्य हिन्दी 6. श्री पंचपरमेष्ठी गीत हिन्दी 7. श्री अरिहंतपदस्तवन हिन्दी 8. श्री नवकार स्तवन 9. णमोकार माहात्म्य हिन्दी 10. नवकार माहात्म्य हिन्दी 11. श्री नवकार स्तवन हिन्दी 12. नवकार फलगीत हिन्दी 13. नमस्कार सुभाषित हिन्दी 14. अरिहंत बत्रीस बिरुदावली हिन्दी 15. नमस्कार बालावबोध गुजराती 16. नमस्कार बालावबोध 17. नवकारमंत्र प्रबंध 18. नवकारमहामंत्र नमस्कार 19. पंच परमेष्ठी सज्झाय गुजराती 20. पंच परमेष्ठी विनति गुजराती हिन्दी अज्ञातकर्तक श्रीजिनप्रभसूरि श्रीजिनप्रभसूरि श्रीजिनप्रभसूरि श्रीजिनवल्लभसूरि उपा. समयसुन्दरजी उपा. समयसुन्दरजी श्री प्रेमराज श्री भूधरकवि श्री विजयभद्र श्री पद्मराज श्री लक्ष्मीकीर्ति श्री विनोदीलाल अज्ञातकत्तृक श्रीहेमहंसगणि अज्ञातकर्तृक श्री देपालकवि श्रीजिनप्रभसूरिशिष्य श्री देवविजयजी श्री चारित्रसार गुजराती गुजराती गुजराती 1. नमस्कार स्वाध्याय भाग-3 अपभ्रंश-हिन्दी-गुजराती विभाग विषयानुक्रम