Book Title: Panch Parmeshthi Mimansa
Author(s): Surekhashreeji
Publisher: Vichakshan Smruti Prakashan

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Page 373
________________ (370) परिशिष्ट-2 (क)पंच परमेष्ठी पदों का वर्णन, तत्संबंधित सन्दर्भ ग्रन्थों के अनुसार निम्नप्रकार से उपलब्ध होता है। तद्विषयक सूचि का यहाँ निर्देश दिया जा रहा है।' (प्राकृत भाषा में) 1. भगवती सूत्र का मंगलाचरण (श्री अभयदेवसूरि विरचित भगवती सूत्र वृत्ति) (सं. 1120 से 1128) 2. सप्त स्मरणों में प्रथम नमस्कारमंत्र स्मरण (1) श्री सिद्धचन्द्रगणिकृत व्याख्या (2) श्री हर्षकीर्तिसूरीकृत व्याख्या 3. नमस्कारान्तर्गत पदविशेषानेकार्थाः (1) पंडितगुणरत्नमुनिवर कृत नमस्कार प्रथम पदार्थाः (2) आगमिक श्री देवरत्नसूरि विरचित नमस्कार मन्त्रांतर्गत "नमो लोए सव्व साहूणं" पंचमपदगत 'सव्व' शब्द के अनेक अर्थ 4. श्री महानिशीथसूत्र सन्दर्भ 5. चैत्यवंदनमहाभाष्य में नमस्कार सूत्र का उल्लेख (13-14 वीं शती) श्री मानदेवसूरि रचित उपधानविधि स्तोत्र 7. वर्धमानविद्या विधि 8. श्री भद्रबाहूस्वामी विरचित श्री आवश्यक सूत्रान्तर्गत नमस्कार-नियुक्ति। 1. श्री पुष्पदंत भूतबलिप्रणीत श्री वीरसेनाचार्य रचित धवला टीका समन्वित षटखण्डागम का सन्दर्भ। 10. अर्हन्नमस्कारावलिका (अर्हत् पद के 108 गुण वर्णन) 11. सिद्धनमस्कारावलिका (सिद्ध पद के 108 गुण वर्णन) 12. अर्हदानादि स्रोत (पंचपरमेष्ठी नमस्कार स्रोत) श्री भद्रगुप्तस्वामि प्रणीत पंच नमस्कार चक्रोद्वार विधि (पंच परमेष्ठी चक्र अथवा वर्धमानचक्र) 14. ध्यानविचार 15. श्री मानतुंगसूरि विरचित नवकारसार स्तवन 16. श्री मानतुंगसूरिरचित नवकारसार स्तवन की नमस्कारव्याख्यान टीका 17. कुवलयमाला सन्दर्भ 18. परमेष्ठी पद गर्भित मंत्र आदि 19. श्री जिनचन्द्रसूरि विरचित पंचनमस्कार फलस्रोत 13. 1. नमस्कार स्वाध्याय (प्राकृत विभाग) भाग-१ की अनुक्रमणिका

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