Book Title: Kasaypahudam Part 10
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Mantri Sahitya Vibhag Mathura
View full book text
________________
मार्गदर्शक :- आचार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज गा० ६२] उत्तरपयष्टिउदीरणाए ठाणाणं सेसाणियोगद्दारपरूवणा १६३
३६२. विदियादि सत्तमा त्ति सम्वत्थोचा २२ पवे० । २१ पवे. असंखेज्जगुणा । २५ पवे. असंखेजगुणा । २७ पवे. असंखेअगुणा । २४ पवे. असंखेज्जगुणा । २८ पवे. असंखेज्जगुणा । २६ पवे. असंखेज्जगुणा । तिरिक्खाणं णारयमंगो। णवरि २६ पवे० अणंतगुणा। जोणिणी० विदियपुढवीभंगो । एवं भवणवाण३०-जोदिसि । पंचितिरिक्खअपज्ज०-मणुणप्रपज्ज० सम्वत्थोवा २७ पवे । २८ पवे. असंखेज्जगुणा । २६ पवे. असंखेज्जगुणा ।
३६३. मणुस्सेसु सव्वत्थोवा ४७१० पयेसगा सरिसा । ३ पवेसगा संखेजगुणा । ६ पवेसगा विसेसाहिया। ९ पवे. विसेसा० । १२ पवे० विसेसा० । १९ पवे० विसे० । २० पर्व विसेसा० । २ पवे० संखेजगुणा। १ पवे० संखेजगुणा । १३ पवे० संखेज्जगुणा । २३ पर्व० संखेजगुणा । २२ पर्व० संखेजगुणा । २५ पवे० मुखज्जगुणा । २१ पके० संखेज्जगणा । २४ पवे. संखेज्जगुणा । २७ पवे. असंखेञ्जगुणा । २८ पवे. असंखेजगुणा । २६ पर्व० असंखेज्जगुणा । एवं मणुसपज्ज०मणुसिणी० । णवरि संखेज्जगुणं कादध्वं ।
३६२. दूसरी पृथिवीसे लेकर सातवीं पृथिवी तफके नारकियोंमें २२ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे २१ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव असंख्यातगुरणे हैं। उनसे पचीस प्रकृतियों के प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे २७ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे है। उनसे २४ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे २८ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे २६ प्रचतियों के प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे हैं। तिर्यञ्चोंमें सामान्य नारकियों के समान भंग है। किन्तु इतनी विशेषता है कि २६ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव अनन्तगुणे । योनिनी तिर्यलोंमें दूसरी पृथिवीके समान भंग है। इसी प्रकार भवनवासी, ज्यन्तर और ज्योतिषी देवोंमें जानना चाहिए। पञ्चेन्द्रिय तिर्यकच अपर्याप्त और मनुष्य अपर्याप्तका २७ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे २८ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे २६ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे हैं।
३६३ मनुष्यों में ४, . और १० प्रकृतियों के प्रवेशक जीव परस्पर समान हो कर सबसे स्तोक हैं। उनसे ३ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे ६ प्रकृतियों प्रवेशक जीव विशेष अधिक हैं। उनसेह प्रकृत्तियोंके प्रवेशक जीव विशेष अधिक हैं। उनसे १२ प्रकृतितियोंके प्रवेशक जीव विशेष अधिक है। उनसे १६ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव विशेष अधिक हैं। उनसे २० प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव विशेष अधिक है। उनसे २ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे १ प्रकृति के प्रवेशक जीव संख्यातगुण है। उनसे १३ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे २३ प्रकृतियों के प्रवेशक जीथ संख्यातगुणे हैं। उनसे २२ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव र ग्न्यातगुरणे हैं। उनसे २५ प्रकृतियों के प्रवेशफ जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे २१ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीव संख्यानगुणे हैं। उनसे २४ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे २७ प्रकृतियोंके प्रवेशक जीब भसंख्यातगुणे हैं। उनसे २८. प्रकृतिोंके प्रवेशक जीव असंख्यातगुण हैं । उनसे २६ प्रकृतियों के प्रवेशक जीव असंख्यातगुणे है। इसी प्रकार मनुष्य पर्याप्त और मनुयिनियोंमें जानना पाहिए। किन्तु इतनी विशेषता है कि असंख्यातगुणेके स्थानमें संख्यातगुणा करना चाहिए ।