Book Title: Kasaypahudam Part 10
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Mantri Sahitya Vibhag Mathura
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गा८ ६२ ] उत्तरपयडिटिदिउदीरणाए वडिविदिउदीरणाणियोगदारं
३८६ अवत्त० असंखे०गुणा । असंखे०भागहा. असंखे गुणा ।
४०. सम्मामि० सम्वत्थो० संखे गुणहाणि । संखे भागहाणि० संखे०गुणा | अवत० असंखे गुणा । असंखे०भागहाणि० असंखे०गुणा ।
११. बारसक-कृष्णोफ० सम्बत्यो संखे०गुणहाणि० । संखे०भागहाणिक संखे-गुणा । संखेनगुणवड्डि असखे० गुणा । संखे भागवष्टि० संखे गुणा । असंखे०भागवढि० अणंतगुणा । प्रवत्त० संखे० गुणा । अववि० असंखे० गुणा । असंखे०भागहाणि संखे० गुणा।
E४२. चदुसंजलण० सम्वत्थोत्रा असंखे गुणवडि० । असंखे गुणहाणिक संखेगुणा । संखे गुणहाणि असंखे० गुणा । सेसं कसायभंगो।।
८४३. इत्यिवेद० सबथोवा असंखे०गुणहाणि | संखेगुणहाणिक असंखे० गुणा ! संखे० भागहाणि० संखे० गुणा । संखे गुणवडि• असंखे० गुणा । संखे०भागववि० संखे०गुणा | असंखे०भागवडि० असंखे० गुणा । अबत्त० सं०गुणा । अवदि० असंखे गुणा । असंख० भागहाणि० संखे-गुणा । । असंख्यातगुणे हैं । उनसे अबक्तव्य स्थितिके उदीरक जीव असंख्यातगुणे हैं । उनसे असंख्यात भागहानि स्थितिके उदीरक जीव असंख्यातगुणे हैं ।
5८४०. सम्यमिथ्यात्वकी संख्यात गुणहानि स्थितिक उदीरक जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे संख्यात भागहानि स्थिति के बहीरक जीव संख्यान पुरखे हैं। उनसे अवक्तव्य स्थितिके उदरक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे असंख्यात मागहानि स्थितिके उदीरक जीव असंख्यातगुणे हैं।
८४१. बारह कपाय और छह नोकषायकी संख्यात गुणहानि स्थितिक उदीरक जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे संख्यात भागहानि स्थितिके उदीरक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे संख्यात गुणवृद्धि स्थितिके उदीरक जीव असंख्यातगुण है। उनसे संख्यात भागवृद्धि स्थिति के उद्दीरक जीव संख्यातगुपे हैं। उनसे असंख्यात भागवृद्धि स्थिति के उदीरक जोत्र अनन्तगुणे हैं। उनसे अवक्तव्य स्थिति के उदीरक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे अवस्थित स्थिति के उदीरक जीव असंख्यातगुगणे हैं। उनसे असंख्यात भागहानि स्थित्तिके उदारक जीव संख्यातगुणे हैं।
१. ८४२. चार संज्वलनको असंख्यात गुणा वृद्धि स्थितिके उदीरक जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे असंख्यात गुणहानि स्थिति के उदारक जीव संख्यातगुण हैं। उनसे संख्यात गुणहानि स्थिति के उदीरक जीव असंख्यातगुठो हैं। शेष भंग कपायोंके समान है।
६८४३. स्त्रीवेदकी असंख्यात गुणहानि स्थितिके उदीरक जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे संख्यात गुणहानि स्थितिके वदीरक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे संख्यात भागहामि स्थितिके उदीरक जीव संख्यातगुणे हैं। उनसे संख्यात गुणवृद्धि स्थिति के उदीरक जीव असंख्यातगुण हैं। उनसे संख्यात भागवृद्धि स्थिति के उदीरक जीव संस्पातगुणे हैं। उनसे असंख्यात भागवृद्धि स्थितिके उदीरक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे अवक्तव्य स्थिति के दीरक जीव संख्यातगुरणे हैं। उनसे अवस्थित स्थिति के उदीरक जीव असंख्यातगुणे हैं। उनसे असंख्यात भागहानि स्थितिके पदीरक जीय संख्यातगुणे हैं।