Book Title: Karmagrantha Part 2
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 13
________________ ६६ मामा २१, २२ ६३-६६ ' 'सयोगिकेवली गुणस्थान में उदयविच्छिन्न प्रकृतियां अयोगिकेवली गुणस्थान में उदययोग्य प्रकृतियाँ गाथा २३, २४ ६६ -- ६६ ___ उदय और उदीरणा प्रकृतियों में असामानता का कारण १६ माया २५ ६६-१०५ सत्ता का लक्षण सत्ता प्रकृतियों की संख्या और कारण १०२ मिथ्यात्य से उपशान्तकषाय गुणस्थान तक सामान्य से सत्ता योग्य प्रकृतियाँ व कारण गाया २६ १०५-..-१०७ अविरतसम्यग्दष्टि से उपशान्तमोह गुणस्थान तक उपशमशेणी आदि की अपेक्षा सत्ता योग्य प्रकृतियाँ १०७ মাখা ও १०७-१११ क्षपक्रश्रेणी की अपेक्षा सना योग्य प्रकृतियों का कथन व कारण १०८ गाथा २८, २६ १११-११३ · क्षपकश्रेणी की अपेक्षा अनिवृत्तिबादर गुणस्थान के दूसरे से नौवें भाग तक प्रकृतियों की सत्ता ११२ गाथा ३० ११४ -११६ सूक्ष्मसंपराय और क्षीणमोह गुणस्थान में सत्ता प्रकृतियाँ मामा ३१, ३२, ३३ ११६-१२० सयोगिकेवली, अयोगिकेवली गुणस्थान की सत्ता प्रकृतियाँ

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