Book Title: Karmagrantha Part 2
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 11
________________ मिश्रगुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या मिश्रगुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की न्यूनता का कारण ५८ मामा ६ अविरतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों __ की संख्या अविरतसम्यग्दृष्टि गुण स्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या की अधिकता का कारण देशवित गुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या देशविरत गुणस्थान में बन्धविच्छिन्न प्रकृतियों के नाम प्रमत्तसंगत गुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या ६१ गामा ७, ६२-६४ प्रमत्तसंयत गुणस्थान में बन्धयोग्य विच्चिन्न प्रकृतियों के नाम अप्रमत्तसंयत्त गुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या ६३ अप्रमत्तसंयत गुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की भिन्नता का स्पष्टीकरण गाथा ६, १०, ११ अपूर्वकरण गुणस्थान में बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या ६६ अपूर्वकरण गुणस्थान के सात भागों में बन्ध-विच्चिन्न ६६ प्रकृतियों की संख्या व नाम अनिवृतिबादर गुणस्थान को बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या ६५ अनिवृत्तिबादर गुणस्थान के पांच भागों में बन्धविच्छिन्न ६७ होने वाली प्रकृतियों की संख्या व क्रम सूक्ष्मसंपराय गुणस्थान की बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या ६८ गाथा १२ सूक्ष्मसंपराय मुणस्थान में बन्ध प्रकृतियों के नाम

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