Book Title: Karmagrantha Part 2
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 10
________________ मिध्यात्व गुणस्थान सास्वादन गुणस्थान औपशमिक सम्यक्त्व की प्राप्ति विषयक प्रक्रिया ( ११ ) मिश्र गुणस्थान अविरत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान देशविरत गुणस्थान प्रमत्तसंयत गुणस्थान अप्रमत्तसंयत गुणस्थान निवृत्तिबादर गुणस्थान अनिवृत्ति गुणस्थान सूक्ष्मसंपराय गुणस्थान उपशांत-कषाय- वीतराग छद्यस्थ गुणस्थान क्षीणकषाय- वीतराग छद्मस्थ गुणस्थान सयोगिकेवली गुणस्थान अयोगिकेवली गुणस्थान गुणस्थानों के शाश्वत अशाश्वत आदि का संकेत गाथा ३ बन्ध का लक्षण सामान्यतया बन्धयोग्य प्रकृतियों की संख्या का निर्देशन व कारण मिथ्यात्व गुणस्थान में बन्ध प्रकृतियाँ गाथा ४ मिथ्यात्व गुणस्थान में बन्ध विच्छिन्न प्रकृतियों के नाम सास्वादन गुणस्थान में बन्धयोग्य, प्रकृतियों की संख्या गाथा ५ सास्वादन गुणस्थान में बन्धविच्छिन्न प्रकृतियों के नाम, ११ १५ १६ २० ૨ २४ २६ २.७ २८ न מו ३५ ३५ ३६ ४१ ४३ ४५ ४६-५४ ५० ५१ ५३ ५४–१६ ५४ ५६ ५६ – ५८ ५६

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