Book Title: Karmagrantha Part 2 Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur View full book textPage 9
________________ प्रस्तावना कर्मसिद्धान्त मानने का आधार कर्मसिद्धान्त की मान्यता : दो विचारधारायें निवर्तकधर्म का कर्म विषयक मंतव्य निवर्तकधर्मवादियों में विचारभिन्नतायें अनुक्रमणिका जैनदर्शन की कर्मतत्व सम्बन्धी रूपरेखा द्वितीय कर्मग्रन्थ की रचना का उद्देश्य विषय वर्णन की शैली गुणस्थानों का संक्षेप में विवेचन गुणस्थान क्रम का आधार 'अन्य ग्रन्थों में गुणस्थान सम्बन्धी चर्चा ग्रन्थ का विषय विभाग और रचना का आधार गाया मंगलाचरण (स्तुति) ग्रन्थ में वर्णित विषय का संकेत बन्ध, उदय, उदीरणा व सत्ता का विवेचन गुणस्थान का लक्षण गाथा २ गुणस्थानों के नाम गुणस्थानों की व्यवस्था गुणस्थानों का परिभाषा पृ० १७ से २६ १७ १५ १६ २० २२ २३ २३ २४ २५ ३० ३५ पृष्ठ १ OUT २ ६ ७- ४६ の It ८ ११Page Navigation
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