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भगवान श्री महावीर को २५वीं निर्वाण शताग्दी के उपलक्ष्य में
श्रीमद् देवेन्द्रसूरि विरचित १९५२
कर्मस्तव नामक कर्मग्रन्थ [द्वितीय भाग
मूल, गाथार्थ, विशेषार्थ. विवेचन एवं टिप्पण तथा परिशिष्ट युक्त
व्याख्याकार
मरुधरकेसरी, प्रवर्तक मुनि श्री मिश्रीमल जी महाराज
सम्पादक
श्रीचन्द सुराना 'सरस'
देवकुमार जैन
प्रकाशक श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति
जोधपुर–व्यावर