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कर्मग्रन्थभाग-२
१४७
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| मधुररस-नामकर्म १००. कर्कश-स्पर्श-नामकर्म
| मृदु-स्पर्श-नामकर्म | गुरु-स्पर्श-नामकर्म
लघु-स्पर्श-नामकर्म ०४. शीत-स्पर्श-नामकर्म
उष्ण-स्पर्श-नामकर्म स्निग्ध-स्पर्श-नामकर्म
| रुक्ष-स्पर्श-नामकर्म १०८. नरकानुपूर्वी-नामकर्म
१,४-२
| १,४-२ तिर्यश्चानुपूर्वी-नामकर्म
१,२,४-३ | १,२,४०३ | मनुष्यानुपूर्वी-नामकर्म
१,२,४-३ | १,२,४-३ | देवानुपूर्वी-नामकर्म
१,२,४-३ | १,२,४-३ शुभविहायोगति-नामकर्म अशुभविहायोगति-नामकर्म | पराघात-नामकर्म उच्छ्वास-नामकर्म आतप-नामकर्म
उद्योत-नामकर्म ११८. | अगुरु-लघु-नामकर्म तीर्थङ्कर-नामकर्म चौथा से |१३,१४-२
आठवें के
६भाग तक १२०. निर्माण-नामकर्म २१. उपघात-नामकर्म
| त्रस-नामकर्म
११३.
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