Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 282
________________ गाथा- अङ्क १५ ३३ ३७ ३३ १० ४ ४२ ८, ३३ २९ ५० २२ ६१ ९,२६ ९ ५, २५, २७, २९,३०, ३२,६१ ८,३७ ६० प्राकृत आसव आहारग आहारय ३,२१,३९ इन्दि इन्दिय इन्दियचउक्क इक्कारसग इग इच्चाइ इट्ठ इत्थी इदम् इदम् इदम् इय इयर इयरहा ५२,३६ इव ४६ इह ईहा २२,३०,४५, ६० ५२,३० उ उच्च परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग - १ हिन्दी आस्रव-तत्त्व पृ. २७ आहारकशरीरनामकर्म पृ. ४८ आहारकशरीर Jain Education International संस्कृत आस्रव आहारक आहारक इन्द्रिय इन्द्रिय इन्द्रियचतुष्क एकादशन् एक इत्यादि इष्ट स्त्री अयं इ इदम् एषां इति इतर इतरथा इव तरह इह hc तु उच्च उ इन्द्रिय इन्द्रिय त्वचा, रसन, घ्राण और श्रोत्र ये चार इन्द्रियाँ ग्यारह एक इत्यादि प्रिय स्त्री यह यह इनका इस प्रकार अन्य अन्य प्रकार से इस जगह मतिज्ञान - विशेष पृ. ९ तो, फिर, ही, किन्तु ऊँचा, उच्चगोत्र २११ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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