Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 343
________________ २७२ . परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग-३ संहनन संहनन सुरैकोनविंशति देवगति आदि १९ प्रकृतियाँ शत सास्वादन संघयण सुरइगुणवीस सय सासण संम सत्तमि सासाण सयरि सम्यक् ...cmm kr k w सप्तमी सास्वादन सप्तति सप्तदशशत सुरायुष् सास्वादन गुणस्थान अविरतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान सातवीं सास्वादन गुणस्थान सत्तर एक सौ सत्रह सतरसउ देवायु देव सुर सुराउ सुर सहिअ सणंकुमाराइ सुहमतेर सहित ११ सहित सनत्कुमारादि सूक्ष्म-त्रयोदशक १२ १८ साय संजलण तिग सग समइअ सुहुम सठाण साणाइ सात संज्वलन सप्तन् सामायिक सूक्ष्म स्वस्थान सासादनादि सनत्कुमार आदि देवलोक सूक्ष्म नामकर्म आदि तेरह प्रकृतियाँ सात वेदनीय संज्वलन क्रोध, मान, माया सात (७) सामायिक चारित्र सूक्ष्म-संपराय चारित्र अपना गुणस्थान सास्वादन आदि गुणस्थान सब शुक्ल लेश्या संज्ञी मार्गणा सुन कर सव्व सर्व مه ته سه शुक्ला सुक्का संनि सोउ संज्ञिन् २४ श्रुत्वा ___ ن ho به हंड हुंडक स्थान रहित __ ५ हीण . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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