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३
३
८
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१८
२०
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२
२
तणुपज्जति
तस
तम्मिस्स
तम्मिस्स
तिय कसाय
ति
तेरस
तेण
तं
तेअ
तेर
त्ति
थावर
थीतिग
देवाउ
दुहग
देस
देसाइ
दु
दस
दुन्नि
दो
देवमणुआउ
देविंदसूर
नरय
नपु
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परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग - ३
तनुपर्याप्ति
त्रस
तन्मिश्र
तन्मिश्र
तृतीय कषाय
त्रि
त्रयोदशन्
तेन
तत्
तेजस्
त्रयोदशन्
इति
स्थावर
सत्यानर्द्धि- त्रिक
द
देवायुष्
दुर्भग
देश
देशादि
द्वि
दशन्
द्वि
مال کا
द्वि
थ
नरक
नपुंसक
शरीर पर्याप्ति
त्रसकाय
औदारिक- मिश्र - काययोग
वैक्रिय - मिश्र - काययोग
तीसरा कषाय
तीन
तेरह
इस से
वह
न
तेजोलेश्या
तेरह
इस प्रकार
स्थावर नामकर्म स्त्यानर्द्धि- त्रिक
देवमनुजायुष् देव आयु तथा मनुष्य आयु
देवेन्द्रसूरि
देवेन्द्रसूरि
देवायु कर्म
दुर्भग नामकर्म
देश विरति
देशविरति आदि गुणस्थान
दो
दस
दो
दो
नरकगति नामकर्म
नपुंसकवेद मोहनीय
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