Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग-१
गाथा-अङ्क प्राकृत
२८ सुभगतिग
४,५ सुय १३,२३,३३ सुर
४१ सुरहि
५९ सुराउ २६,५१ सुसर
संस्कृत सुभगत्रिक श्रुत सुर
सुरभि ।
सुरायुस् सुस्वर शुभ
५१ सुह
सुख
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हिन्दी सुभग आदि तीन प्रकृतियाँ श्रुतज्ञान पृ. ७,९ देव सुरभिगन्ध नाम पृ. ५८ देवायु सुस्वरनामकर्म पृ. ४२,६८ शुभनामकर्म पृ. ६८ सुखप्रद सुख शुभ नामकर्म सूक्ष्म, अपर्याप्त और साधारण सप्रतिपक्ष पत्थर का खम्बा बाकी शोक-उदासीनता सोलह
सुहनाम २८ सुहमतिग २७ सेयर
१८ झेलत्थंभो १०,३४,४२ सेस
२१ सोग १७ सोलस
सुख शुभनामन् सूक्ष्मत्रिक सेतर शैलस्तम्भ
शेष शोक
षोडशन्
हडि
हरण
हरिद्र
बेढ़ी छीनना हारिद्रवर्णनाम कर्म पृ. ५६ हल्दी है-होता है होता है
२३ हडि ५६ हरण ४० हलिद्द
२० हलिद्दा १४,२२ हवइ
४४ हवेइ
२१ हास २१,५७ हास्य
६१ हिंसा ४० हुंड
१ हेउ २१,४४ होइ
हरिद्रा भू-भवति भू-भवति हास्य हास्य हिंसा हुण्ड
हँसी
हास्यमोहनीय पृ. ३५,८०
वधु
हुण्ड संस्थान पृ. ५६ कारण होता है
भू-भवति
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