Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 312
________________ परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग-१ २४१ २४१ दिगम्बरीय कर्म-विषयक-ग्रन्थ संख्या ग्रन्थ-नाम परिमाण कर्ता | रचना-समय महाकर्मप्रकृति श्लो. ३६००० | पुष्पदंत तथा अनु. वि. ४-५ प्राभृत, या भूतबलिवी श. षट् खण्डशास्त्र षट् (क) प्रा. टीका श्लो. १२००० कुन्दकुन्दाचार्य | अज्ञात षट् (ख) टीका श्लो. ६००० शामकुण्डाचार्य अज्ञात षट् (ग)कर्णा,टीका श्लो. ५४००० तुम्ब्लूराचार्य | अज्ञात षट् (घ)सं.टीका |श्लो. ४८००। समन्तभद्राचार्य अज्ञात षट(च) व्या.टीका श्लो. १४००० वप्पदेवगुरु अज्ञात षट्(छ)धव.टीका | श्लो.७२००० वीरसेन वि.सं. ९०५ के लगभग २. कषायप्राभृत गा. २३६ अनु.वि. ५वीं श. |''(क)चूवृत्ति श्लो. ६००० यतिवृषभाचार्य अनु.वि.छट्ठी श. |''(ख)उच्चा.वृत्ति | श्लो. १२००० उच्चारणाचार्य अज्ञात ''(ग)टीका श्लो. ६००० । शामकुण्डाचार्य | अज्ञात ।'(घ)चू.व्याख्या |श्लो. ८४००० | अज्ञात (कर्मप्राभृत सहित) (च)प्रा.टीका श्लो. ६०००० । वप्पदेवगुरु अज्ञात (ज)ज.टीका |श्लो. ६०००० वीरसेन तथा । वि. ९-१०वीं श. जिनसेन ३. गोम्मटसार गा. १७०५ नेमिचंद्र सिं.च. वि. ११वीं श. 1'(क)कर्ना.टीका चामुण्डराय वि. ११वीं श. "(ख) सं.टीका केशववर्णी |"(ग) सं. टीका श्रीमदभयचन्द्र |' (घ)हिं.टीका टोडरमलजी ४. लब्धिसार गा. ६५० नेमिचंद्र सि.च. वि.११वीं श. "(क) सं.टीका केशवर्णी "(ख) हिं.टीका टोडरमलजी ५. सं. क्षपणासार स. माधवचन्द्र त्रै. वि. १०-११ श. ६. सं. पञ्चसंग्रह अमितगति वि. सं.१०७३ तुम्बुलूराचार्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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