Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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गाथा- अङ्क प्राकृत
५५ गुरुभत्ति
५८
२० गोमुत्ति गोय
३,५२
२० घण
१८
२३,२६,
३७, ४२
३०,३३,४९ चउ
२५
५
१८
१९
२,४,४३
१२
१२
१०
२३
५६
गूढहियअ
३०
२९
یس
घायकर
९ चक्खु
चक्खु
१३ चरण ५७ चरणमोह
१७ चरित
३०
च
चउदस
चउदसहा
चउमास
चउब्बिह
चउहा
चिंतियत्थ
चंकमओ
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मोहणिय
चित्ति
चेइय
छ
छक्क
छक्क
परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग - १
हिन्दी
गुरु सेवा खपटी हृदय वाला
गाय के की लकीर मूत्र गोत्रकर्म पृ. ६,७१
संस्कृत
गुरुभक्ति
गूढ़ हृदय
गोमूत्रिका
गोत्र
घ
घन
घातकर
च
च
चतुः चतुर्दशन्
चतुर्दशधा
चतुर्मास
चतुर्विध
चतुर्धा
चिन्तितार्थ
चङ्क्रमतः
चक्षुस्
चक्षुस्
चरण
चरणमोह
चारित्र
मोहनीय
चित्रित्
चैत्य
षष्
षट्क
षट्क
छ
घना दृढ़
नाशकारक
और
चार
चौदह
चौदह प्रकार का
चार महीने
चार प्रकार का
चार प्रकार का
सोचा हुआ काम चलने फिरने वालों को
आँख
चक्षुर्दर्शन पृ. २१
चारित्र पृ. ८० चारित्रमोहनीयकर्म पृ. ३७ चारित्रमोहनीय कर्म
चितेरा - चित्रकार
मन्दिर, प्रतिमा
२१५
छह
छह का समूह
छह
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