Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग-१
२२१
गाथा- अङ्क प्राकृत
३५ निबद्ध ४८ निम्माम
२५ निमिण ४३,४९ निय - ४८ नियमण
३३ निरय ५२,६० नीय २,४० नील ३५ नेय १७ नोकसाय
संस्कृत निबद्ध निर्माण निर्माण निज नियमन निरय नीच नील
हिन्दी बँधा हुआ निर्माण नामकर्म पृ. ६४ निर्माण नामकर्म पृ. ४१ अपना संगठन-व्यवस्थापन नरक नीच गोत्र पृ. ७,८३ नीलवर्ण नामकर्म पृ. ३,५६ जानने योग्य मोहनीय कर्म-विशेष पृ. ३१
शेय
नोकषाय
प
प्रदेश प्रद्वेष
२२ पइ
२ पएस ५४ पओस ३० पंच ३६ पंचविह ६१ (प्र+कृ)
पकुणइ १८ पक्खग १७ पच्चक्खाण
तरफ प्रदेशबन्ध, पृ. ३ अप्रीति पाँच पाँच प्रकार का करता है
पञ्चन्
पञ्चविध प्रकरोति
पक्षग प्रत्याख्यान
२६,४९ पज्जत्त __४९ पज्जत्ति
पर्याप्त पर्याप्ति
७ पज्जय ३९ पट्ट ५३ पडिकूल ५६ पडिणीय ५४ पडिणीयत्तण ११ पडिबोह ७ पडिवत्ति
पर्याय पट्ट प्रतिकूल प्रत्यनीक प्रत्यनीकत्व प्रतिबोध प्रतिपत्ति
पक्षगामी-पक्ष-पर्यन्त स्थायी प्रत्याख्यानावरण-कषाय पृ. ३१ पर्याप्त नामकर्म पृ. ४२,६५ पुद्गलोपचय-जन्य शक्तिविशेष पर्यायश्रुत पृ. १४ बेठन विमुख-विरुद्ध अहितेच्छु शत्रता जागना प्रतिपत्ति-श्रुत पृ. १४
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