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पर्याप्त मनुष्य का बन्धस्वामित्व-यन्त्र।
१६२
गुणस्थानों के
नाम
बन्ध्य-प्रकृतियाँ
प्रकृतियाँ बन्ध विच्छेद्य
ज्ञानावरणीय
अबन्ध्य-प्रकृतियाँ | 0 |
दर्शनावरणीय
वेदनीयकर्म
आयुकर्म
मोहनीयकर्म
नामकर्म
गोत्रकर्म
अन्तरायकर्म
मूल-प्रकृतियाँ
7-6
१
.
२६
23
7-60
3
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ओघ से १२० मिथ्यात्व में | ११७ | ३ । १६ सास्वादन में | १०१ | १९ । ३२ मिश्र में ६९ ५१ अविरत में
५
कर्मग्रन्थभाग-३
7-60
| ३१ । । ३२ |
१ १
|
४२ | ४
५
।
१
|
५
।
७-८
देशविरत में
| ६७ | ५३
१५
३२
7-6
~
Lal०
३२
7-61
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