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भवनपति, व्यन्तर और ज्योतिषी देवों का बन्धस्वामित्व-यन्त्र।
गुणस्थानों के
नाम
बन्ध्य-प्रकृतियाँ |
अबन्ध्य-प्रकृतियाँ | 2
ज्ञानावरणीय |
वेदनीयकर्म
दर्शनावरणीय |
मोहनीयकर्म
आयुकर्म
नामकर्म
गोत्रकर्म
अन्तरायकर्म
विच्छेद्य-प्रकृतियाँ | 0 | 9 |
मूल-प्रकृतियाँ
।
२६
५२
|
|
ओघ से. मिथ्यात्व में । १०३ | १७ सास्वादन में | ९६ । २४
२ । २ | २६
५२
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|
। ।
७-८ ।। ५ । ७-८ । ५ । ७-८.
२ २
कर्मग्रन्थभाग-३
४७
|
मिश्र में
।
७०
| ५०
| ० | ०
|w |w
|
अविरत में
..
7-0
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