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पर्याप्त तिर्यञ्च का बन्धस्वामित्व-यन्त्र।
१६०
गुणस्थानों के
नाम
बन्ध्य-प्रकृतियाँ
अबन्ध्य-प्रकृतियाँ
प्रकृतियाँ बन्ध विच्छेद्य
ज्ञानावरणीय
दर्शनावरणीय
वेदनीयकर्म
मोहनीयकर्म
आयुकर्म
नामकर्म
गोत्रकर्म
अन्तरायकर्म
मूल-प्रकृतियाँ ।
ओघ से
११७
२६
४
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मिथ्यात्व में | ११७.
२६
सास्वादन में
कर्मग्रन्थभाग-३
१०
XC
7-60
मिश्र में
अविरत में
७० | ५०
|
7-60
देशविरत में | ६६ | ५४ |
५६ । २ | १५ | १ | ३१ | १ | ५ | ७-८ |
7-6
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