________________
(३२)
७१८)
७२३)
गुण स्थान पर
अपने ही उदय में बंध प्रकृतियाँ दुसरी प्रकृतियो के उदय मे बंध प्रकृतियां अपने तथा पर के उदय मे बंध प्रकृतियां
७१८) निरन्तर बंध प्रकृतियां
७१८) शांत्तर बंध "
७१८) शांत्तर निरन्तर बंघ ,
७१८) उद्वेलन संक्रमण प्रकृतियां विध्यात संक्रमण प्रकृतियां अधःप्रवृत्त संक्रमण
७१९) गुण संक्रमण ७५
७२०) सर्व संक्रमण ५२
७२०) प्रियंच एकादश
७२०) कर्म कांड की शक्तियोंकी कुछ ज्ञातव्य वाते ७२१) ६ सहननपर जागति
७२१) ६ सहनन पर सात नरक जागति ५ ज्ञानावरणी बंध स्वरुप
७२२) ९ दर्शनावरणी , २ वेदनीय
७२३) २८ मोहनोयकर्म
७२३) ४ आय कर्म ९३ नामकर्म
७२५) २ गोत्रकर्म ५ अंतरायकम
७२९) ४ कषाय काय बासना कषाय वासना काल ४ प्रकार मरण भेद
७३० तीर्थकर प्रकृति बंध नियम आहारक शरीर बंध गुण स्थान ७३१) व्युच्छति व्याख्या १४ गुण स्थान बंध व्यच्छति
७३२) १४ गुण स्थान अबंध बंध व्यच्छति ७३४) १४ गुण स्थान अबंध बंध प्रकृतियों के नाम सादी अनादि ध्रुव अध्रुव बंध संख्या अबाधा काल स्वरुप एक जीव के एक समय में प्रकृति बंध संख्या ७३८) आयुकर्म बंध स्थान
७३० नाम कर्म बंध स्थान
७४०)
आहारक और तिर्थकार एक स्थान में एक जीव के सत्ता नहीं
७४२) गुण स्थान अनुदय उदय व्यु छति प्रकृतियां
७४३) उदीरणा व्याख्या
७४३) गण स्थान अनुदय उदय व्यच्छति ७४४) उदय उदीरणा विशेषताएं गुण स्थान अनुउदीरणा व्युच्छति प्रकृतियां कर्मोदय कर्म स्वामीपना
७४७) सत्व कर्म प्रकृतिया गुण स्थान असत्व सत्व व्यच्छति ७४९) उपशम श्रेणी स्वरुप
७५१) ५ प्रकार संक्रमण
७५१) ५ प्रकार संक्रमण प्रकृति कोष्टक ७५३)
५ संक्रमण प्रकृतियां नाम __ स्थिति अनुभाग प्रदेश बंध संक्रमण
७५६) ५ संक्रमण भागाहार
७५७) १० करण
७५७) स्वमुखों दई परमुखोदयी प्रकृतिया ७५८) अपकर्षण गुण स्थान
७५८) मुल प्रकृतियां बंध उदय उदीरणा सत्व गुण स्थान
७६०) उदय स्थान ३ उदय स्थान ७ सत्व स्थान ३
७६१) गुण स्थान पर उपयोग स्थान गण स्थान पर संयम स्थान
७६३ गुण स्थान पर लेश्या स्थान नरकों में भाव लेश्या स्थान नारको मरकर कहां कहां जन्म लेता है ७६४) त्रिर्यंच
" " मनुष्य " "
" ७६५) कौनसा मिथ्या दृष्टि कौनसा देव " बनता हैं ? भाव लिंगी मरकर कहां जन्म ले सकता है ७६५)
७२९)