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एक दीपक:
एक दीपक: (पुं०) एकमात्र दीपक (सुद० १३५ ) एकदृष्टि (वि०) १. एक अक्षिवाला, २. एकाग्र दृष्टि वाला । एकदेव : (पुं०) परमब्रहा ।
एकदेश: (पुं०) एक स्थान, एक प्रदेश, (जयो० १/३) एक भाग, आशिक, एक अंश 'पादैकदेशच्छविभाक प्रसन्निभृतः ' एकदेशकारिणी (पुं०) एक अंश को नष्ट करने वाली । (जयो० ११/१३)
एकदेशसरिणी (स्त्री०) एक अंश को नष्ट करने वाली । (जयो० ११ / १३)
एकदेशच्छेदः (पुं०) एक अंश का विनाश, 'निर्विकल्पसमाधिरूप सामायिक स्वैदर्शन च्युतिरेकदेशच्छेदः। (प्रवृ० उद०३/१०)
एकदेशपरित्यागः (पुं०) एकदेश / एक अंश का परित्याग । 'एकदेशपरित्यागात् सुगतिं श्रयते पुमान्' (दयो० पृ० १२१ ) प्रत्येक समय संतोष धारणकर तृष्णादि से दूर रहना। एकदेशच्छेदः (वि०) १. एक अक्षिवाला, २. एकाग्र दृष्टि
वाला।
एकधर्मन् (वि०) एक ही धर्म वाला एक ही प्रकार के गुणों
का धारक ।
एकधमिन् (वि०) एकधर्म धारक ।
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एकधा (अव्य०) १. एक तरह से एक प्रकार से। २. अकेले। एकधारा (स्त्री०) एक ही विचार पद्धति। (वीरो० १९ / १०) एकनवतिः (स्त्री० ) इक्यानवें ।
एकनाव: (पुं०) एकमात्र नाव / नौका 'क्षमाब्रह्मगुणैकनावे' (सुद० पृ० १०३)
एकपक्ष: (पुं०) एक दल एक आधार, एक सम्मति, एक विचाराधारा।
एकपत्नी (स्त्री०) सपत्नी, एकपत्नी, पतिव्रता नारी । एकपदी (स्त्री०) पगडंडी, छोटा रास्ता ! एकपदे (स्त्री०) अकस्मात् एकदम, अचानक । एकपादः (पुं०) १. एक चरण, काव्य का अंश। २. एक पैर ।
३. तपश्चरण का एक आधार ।
एकपादस्थान (नपुं०) एक पैर पर स्थित होकर तपश्चरण । 'एगपाद- एगेन पादेनावस्थानम्' (भ०आ०वि०२२३) एकपोष: (पुं०) एकमात्र आशीर्वाद 'रोषो न तोषो जगदेकपोष' (जयो० २७/२१)
एकप्रत्ययः (पुं०) एक नाम का कारण, एक व्यवहार का
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एकवचन
कारण। एकभिधान- व्यवहारिभिबन्धन प्रत्यय एक: । ( धव० ९/१५१ ) एकार्थविषय प्रत्ययः एकः (अवग्रह: ) ( धव० १३/२३६)
एकभक्त (वि०) एक ही बार भोजन करना । एकस्यां भक्तवेलायां आहारप्रणमेकभक्तमिति (मूला०वृ० १/३५)
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एकबन्धु (नपुं०) एकमात्र मित्र एक सखा । भवान्धु सम्पादित नैकबन्धुः' (सुद० १/३)
एकभाग: (पुं०) एक मात्र हिस्सा एक अंश। (दयो० १८) एकभाव: (पुं०) एक अभिप्राय, एक विचार । 'तान्येकभावेन जना श्रयन्तु' (वीरो० १९ / ११ )
एकभिक्षानियम (पुं०) एक ही घर पर भिक्षा / आहार का नियम, क्षुल्लक का आहार नियम, आहार प्रतिमा । 'एकस्यां एकगृहसम्बन्धिन्यां भिक्षायां नियमः प्रतिज्ञा यस्य स एकभिक्षानियमः । (सा०ध० ७ / ४६ ) एक-भेद (पुं०) एकमात्र अन्तर, एक लक्षण | एकमति: (स्त्री०) आत्माधीन बुद्धि । (जयो० २७/५३) एकमात्रं (नपुं०) एक ही अकेला, एकांकी। (जयो० वृ० २७/२१)
एकमेक (वि०) वीप्सात्मक प्रयोग, परस्पर एक-दूसरे में समाहित। (समु० ८/४४)
एकमेव (अव्य०) एकमात्र ही अकेला ही (जयो० ८१/१९) एकयत्नः (पुं०) एक ही प्रयत्ना
एकयष्टिः (स्त्री० ) एक लड़ी, मोतियों की एक लड़ी। एकयोनिः (स्त्री०) एक जन्म, एक उत्पत्ति स्थान । एकयोनि (वि०) १. एक ही जाति वाला। २. आनन्द भाव । एक राग : (पुं०) अकेला राग भाव।
एकराजन् (पुं०) एकाकी नृप निरंकुश नृप। एकरात्रिकी (वि०) रात्रि में एकाकी उपसर्ग सहन करने वाला, भिक्षुप्रतिमा धारी। निमर्मत्व रात्रि में ध्यान करने
वाला।
एकरूप (वि०) एक समान, एक जैसा, सादृश्य ही । एकल (वि०) [ एक ला क] एकाकी, अकेला, एकमात्र । एकलापी (वि०) १. एक स्थान वाला, एक विचार वाला । २. समानार्थक- द्राक्षा गुडः खण्डमथो सिताऽपि माधुर्यमायाति तदेकलापी (वीरो० १९/९)
एकलिंग (पुं०) एक लिंग, एक चिह्न । एकलोक: (पुं०) एक विश्व, एक जगत् । एकवचनं (नपुं०) १. एक संख्या वाला शब्द, धातु एवं शब्द
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