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कालकणं
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कालयावनं
कालकणं (नपुं०) समयावधि, नियत समय। कालकटं (नपुं०) कल्याण, हित। कालकष्ठः (पुं०) मयूर, मोर। कालकर्णिका (स्त्री०) दुर्भाग्य, विपत्ति। कालकर्णी (स्त्री०) विपत्ति, वज्रपात, दु:ख। कालकर्मन् (नपु०) मरण, मृत्यु, विनाश। कालकलित (वि०) समय बाधित। कालकालः (पुं०) किसी प्राणी का जो काल हो। कालकीलः (पुं०) यमराज। कालकूटः (पुं०) विष, हलाहल विष, मारक विष, तत्कालिक,
प्रभावी विष। कालकृत (वि०) समय पर किया गया। कालकृतु (पुं०) मयूर, २. सूर्य। कालक्रमः (पुं०) समय का क्रम। कालक्रमोत्तरः (पुं०) काल के क्रम से। कालक्रियाः (स्त्री०) नियत क्रिया, मृत्य। कालक्षेपः (पुं०) काल व्यतीत, विलम्ब, समय का क्षय।
(समु० २/२९) शेष समय। (दयो०८३) (वीरो०८/१३)
'सुखेन कालक्षेपं कर्तुमर्हामि' (दयो० ८३) कालखञ्जनं (नपुं०) १. यकृत्, जिगर, हृदय। २. गंगा यमुना नदी। कालग्रन्थिः (नपुं०) समयचक्र, परिवर्तन, परावर्तन, वर्तना।
जीवन की परिस्थितियां। (वीरो० १८/६) कालचारः (पुं०) समय तक चर्या। कालचिह्न (नपुं०) मृत्यु के सन्निकट। कालचोदित (वि०) काल/यम द्वारा आहूत। कालज्ञ (वि०) समय वेत्ता, काल को जानने वाला। कालज्ञानाचारः (पुं०) पाठ-पठन का समय, स्वाध्यायादि का
समय, ज्ञानाचार के भेदों में एक भेद।। कालत्रयं (नपुं०) तीन काल, तीन समय, तीन बार।
'पर्वण्युपोषिता कालत्रये सामायिकं श्रिता।' (सुद० ४/९३) १. भूत, भविष्यत् और वर्तमानकाल। २. प्रातः दोपहर
और सायं इन तीन समय में तीन सन्ध्याएं। तीन सामायिक। कालदर्शी (वि०) समयज्ञ ज्ञाता, मृत्यु। कालदण्डः (पुं०) मृत्यु, मरण। कालदोषः (पुं०) विपरीत काल का प्रयोग। 'कालदोषः
अतीतकाल-व्यत्यय:।' कालधर्मत् (पुं०) विशेष समय के लिए धर्माचरण, निर्दिष्टकाल। कालधारणा (स्त्री०) समय वृद्धि।
कालनिधिः (स्त्री०) ज्योतिष सम्बन्धी ज्ञान। 'काल नामानि
निधौ कालज्ञानम्' सकल ज्योतिः शास्त्रानुबन्धिज्ञानम्'
(जैन०ल०३४८) कालनियोगः (पुं०) भाग्य समावेश, नियति का निर्णय। कालनिरूपणं (नपुं०) समय निर्धारण, समय की प्ररूपणा। कालनेमिः (पुं०) समयचक्र, कालचक्र। कालपक्व (वि०) समय पर पका हुला, स्वतः स्फूर्त, स्वयमेव
परिपक्वगत। कालपरिवर्तनं (नपुं०) एक काल से दूसरे काल में जन्म। कालपरिवासः (पुं०) अल्प परि पतन। कालपाशः (पुं०) यमजाल, मरणजाल। कालप्रत्यख्यानं (नपुं०) समय पर नहीं होने वाली क्रियाओं
का परित्याग। कालपाशिक (वि०) ०यम तक ले जाने वाला, ०यमलोक
पहुंचाने वाला, मृत्यु लेने वाला, प्राणहर्ता, जल्लाद। कालपुरुषः (पुं०) कर्म-वेदन शील पुरुष। कालपूजा (स्त्री०) पर्वादि समय की पूजा। कालपृष्ठ (पुं०) काला हिरण। कालप्रतिक्रमणं (नपुं०) त्रैकालिक प्रतिक्रमण। कालप्रभातः (पुं०) शरत्काल, शरद ऋतु। कालप्रभावः (पुं०) ०समय गत प्रभाव, ०समय गति । आत्मा
भवत्यात्म- विचारकेन्द्रः कर्तुं मनाङ् नान्यविधिं किलेन्द्रः। कालप्रभावस्य परिस्तवस्तु यदन्यतोऽन्यत्प्रतिभाति वस्तु।। (वीरो० १८/५) यद्यस्मिन्समये प्रकर्तुमुदितं तत्रोद्गरेत्तन्मुनिः कालं कार्यकरं समर्थयति यत्सर्वज्ञदेवो गुणी। तावाद्य प्रभवन्ति कल्पतरव: कालप्रभावोदहयं नात्रोत्पत्रजनोऽधुना
प्रतिभवेच्छुद्धोप- योगाश्रयः।। (मुनि० २९) कालबाल: (पुं०) श्यामल केश-कालानां श्यामतानां बालानां
श्रेणी पंक्तिरहित' (जयो० ३/५५) कालभक्षः (पुं०) काल ग्रस्त। कालमंगलं (नपुं०) पाप विनाशक मंगल। कालमानं (नपुं०) समय का प्रमाण। कालमाश्रितवती (वि०) योग्य समय युक्त। (जयो० ३/११) कालमासः (पुं०) मास की प्रधानता। कालमुख (नपुं०) लंगूरों की विशेष जाति। कालमेषी (स्त्री०) मंजठे की लता। कालयवन् (पुं०) यवनों का काल। कालयावनं (नपुं०) देर करना।
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