Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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जलपृष्ठजा
४१०
जलाञ्चल
जलपृष्ठजा (स्त्री०) काई, सेवारज। जलप्रदानं (नपुं०) जल तर्पण, जल चढ़ाना। जलप्रलयः (पुं०) बाढ़ से विनाश, जल से विनाश। जलप्रवाहः (पुं०) जल की गति, जलधारा। (जयो० ६/७५) जलप्रान्तः (पुं०) नदी का तट, किनारा। जलप्रायं (नपुं०) जल बहुल प्रदेश। (जयो० १२/१३९) जलप्रायप्रदेश: (पुं०) जल की बहुलता वाला प्रवेश। जलप्रियः (पुं०) चातक पक्षी, मछली। जलप्लवः (पुं०) ऊदबिलाव। १. जलप्रवाह (वीरो० २/१५) जलप्लावनं (नपुं०) बाढ़, जलप्रलय। जलबन्धुः (स्त्री०) मछली। जलबालकः (पुं०) विन्ध्य गिरि। जलबालिका (स्त्री०) विद्युत, बिजली। जलबिंदुः (पुं०) समुद्र, जलनिधि। (जयो० ९/४१) जलबिडाल: (पुं०) ऊदबिलाव। जलबिम्ब: (पुं०) जलतरङ्ग, बुलबुला। जलबिम्बं (नपुं०) जल तरङ्ग, बुलबुला। जलबिल्वः (पुं०) सर, सरोवर, तालाब, चौकोर, तालाब। १.
कछुआ, २. केंकड़ा। जलभू (वि०) जल में उत्पन्न। जलभूः (पुं०) १. मेघ, बादल। २. कपूर, जल का स्थान। जलभक्षिका (स्त्री०) जल में रहने वाला कीट। जलमण्डूकं (नपुं०) १. मेंढक, जल दुर्दर। २. वाद्य यन्त्र। जलमार्गः (पुं०) पनाला, नाली, जलप्रणाली। जलमुच् (पुं०) मेघ, बादल। (समु० ७/२५) जलमूर्तिः (पुं०) शिव। जलमूर्तिका (स्त्री०) ओला, हिमकण, बर्फ। जलयन्त्रं (नपुं०) नलकूप, पाताल कूप से जल निकालने का |
साधन। जलमन्दिरं (नपुं०) जलगृह, फव्वारा युक्त भवन, जल के
बीच स्थित भवन। जलयात्रा (स्त्री०) जलक्रीड़ा, जलकेलि, नौकायन। जलयानं (नपुं०) जहाज, पोत, जलपोत। (जयो० १३/३४) ___ (दयो० वृ० ६/६६) जलरङ्कः (पुं०) जलकुक्कुट, जलमुर्गा। जलरण्डः (पुं०) १. भंवर, जलावर्त। २. जलकण, जलबिन्दु।
३. जलसर्प। जलरुण्डः (पुं०) जलावर्त, भंवर।
जलरसः (पुं०) नमक, लवण, समुद्री नमक, सांभर नमक। जलराशि: (पुं०) समुद्र, उदधि, सागर। जलराशिजा (स्त्री०) सरस्वती, भारती। (जयो० १९/३४) जलरुहः (पुं०) कमल, पद्य, सरोज। जलरुहं (नपुं०) अरविंद, सरोज, पद्म। जलरूपः (पुं०) मगरमच्छ। जललता: (स्त्री०) लहर, तरङ्ग। जलवमथु (वि०) पयोनिपीत, जल में फूत्कार, बुलबुला।
(जयो० वृ० १३४/१००) जलवादः (पुं०) पानी की बहुलता। (दयो० १०) जलवायस् (पुं०) जल निवास। जलवाहः (पुं०) मेघ, बादल। जलवाहिनी (स्त्री०) पानी की मोरी, नालिका, नाली। जलविषुवत् (नपुं०) शारदीय विषुवत् [२२ या २३ सितम्बर]। जलवृश्चिकः (पुं०) झींगा मछली। जलव्यालः (पुं०) पानी का कार्प, जल सांप। जलशयः (पुं०) विष्णु। जलशयनः (पुं०) विष्णु। जलशयिन् (पुं०) विष्णु। जलशाला (स्त्री०) प्याऊ। (जयो० वृ० ६/८६) जलशूकं (नपुं०) काई, सेवारज। जलशूकरः (पुं०) मगरमच्छ। जलशोषः (पुं०) अनावृष्टि, कम बरसात। जलसम्वाहिका (स्त्री०) जल खींचने वाली। (जयो० ११/९७) जलसन्ततिः (स्त्री०) जलप्रवाह। (वीरो० ७/३४) जलसर्पिणी (स्त्री०) जोक। जलसिञ्चित (वि०) जल से सींचा गया। (सुद० ३/) जलसूचिः (स्त्री०) १. जोक, सुंसुआर। जलस्तुति (स्त्री०) जलप्रवाह। (वीरो० १८/३२ (जयो० १४/४५) जलस्थानं (नपुं०) सरोवर, तालाब, जलाशय। जलस्तम्भनवृत्ति (स्त्री०) जल रोकना, जलवृष्टि रोकने की
ऋद्धि। (जयो० १३/३७) जलहं (नपुं०) जलमन्दिर, जलमहल, फव्वारा। जलहस्तिन् (पुं०) जलहाथी, गेंडा। जलहारिणी (स्त्री०) पनाला, नालिका। जलांश (वि०) अर्ण अंश, जलकण शीकर। (वीरो० ४/१६,
भक्ति०६) जलाञ्चलं (नपुं०) १. झरना, निर्झर, जलप्रपात। २. काई, सेवाल।
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