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6. रुष आदि धातुओं का स्वर प्राकृत में दीर्घ होता है (४/२३६) तथा रुष्य
तुष्य आदि संस्कृत अंग के प्राकृत नियमानुसार 'य' का लोप होने पर रुस्स्- तुस्स् दुस्स्- पुस्स्- सिस्स्- सुस्स् आदि धातु भी सिद्ध होते हैं । उदा. रुस्सइ- तुस्सइ आदि ।
हिन्दी में अनुवाद करें 1. इच्छित्था । 14. दूसेह
27. करित्या 2. करेसि
15. सीसित्था 28. पासित्था 3. चिंतसे 16. दूसेसि
29. नमेइत्था 4. पासेइत्था 17. रूसेइत्था 30. वंदह मुज्झह 18. वंदसे
31. पुच्छेइत्था. 6. गच्छेसि
19. रमित्था 32. बोल्लह. मुणह
20. मुज्झ से 33. भणेह. 8. देखेइत्था 21. कहित्था 34. रोवसे. 9. पडेह 22. चलसे
35. हसित्था. 10. सीससे 23. जेमेह
36. भणित्था. 11. रमेह 24. नमह
37. मुज्झेह. 12. वंदेइत्था 25. पिज्जसि 38. करसे. 13. रूसेसि 26. पासह
39. देक्ख ह.
40. दूसित्था. प्राकृत में अनुवाद करें 1. (तुम) काँप रहे हो । | 12. (तुम) बोलते हो । |21. (तुम सब) पढ़ते हो । 2. (तुम) कहते हो । 13. (तुम) वन्दन करते 22. (तुम) देखते हो । 3. (तुम) चलते हो । हो ।
23. (तुम) भ्रमण करते 4. (तुम सब) चलते हो ||14. (तुम) पढ़ते हो । | हो । 5. (तुम सब) निन्दा | 15. (तुम सब) क्रोध | 24. (तुम सब) रहते हो । करते हो ।
|25. (तुम) इच्छा करते हो। 6. (तुम) भोजन करते | 16. (तुम) रोते हो। 26. (तुम सब) काँपते हो । हो ।
| 17. (तुम) निन्दा करते 27. (तुम सब) बोलते 7. (तुम) नमन करते हो। हो ।
हो । 8. (तुम) मोहित होते हो । 18. (तुम) हँसते हो । |28. (तुम) पीड़ा करते हो । . 9. (तुम सब) पीते हो । 19. (तुम सब) पीड़ा 29 . (तुम सब) हँसते 10. (तुम) खेलते हो । | करते हो ।
हो । 11. (तुम) पूछते हो । |20. (तुम) डरते हो । |30. (तुम) गिरते हो ।
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