Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 302
________________ घी घय नपुं. (घृत) जंबूद्वीप जंबूद्दीव, जंबूदीव घोड़ा आस पुं. (अश्व) पुं. जम्बूद्वीप जरूर अवस्सं अ. (अवश्यम्) च जहरवाला विसमीसिअ वि. चक्रवर्ती चक्कवट्टि पं. (चक्रवर्तिन) (विषामाश्रत) चन्द्र मियंक, मयंक पं. (मगाङ्क) चंद. जहाँ जहिं, जहि, जह, जत्थ अ. चंद्र पुं. (चन्द्र) इंदु पुं. (इन्दु) (यत्र) चरण चलण नपुं. (चरण) जानकार णायार, णाउ वि. (ज्ञात) चांदी रयय नपुं. (रजत) जाल जाल नपुं. (जाल) चरित्र चरित्त नपुं. (चरित्र) जिनबिम्ब जिणबिंब नपुं. (जिनबिम्ब) चारित्र संजम पुं. (संयम) . जिनालय जिणालय नपुं. (जिनालय) चरित्त नपुं. (चारित्र) जिनेश्वर जिणेसर, जिणीसर चरण नपुं. (चरण) पुं. (जिनेश्वर) चित्त चित्त नपुं: चित्त जिलानेवाला-जीवाउ पुं. नपुं. हिअय हिअ नपुं. (हृदय) (जीवातु) चिह्न चिंध, चिण्ह नपुं. (चिह्न) जीभ जिब्भा, जीहा स्त्री. (जिह्वा) चैत्यवंदन चीवंदण नपुं. (चैत्यवंदन) जीर्ण खीण, छीण, झीण वि. (क्षीण) चोर चोर पुं. (चौर) जीव जीव पुं. (जीव) चोरी चोरिअ नपुं. चौर्य जीवदया जीवदया स्त्री. (जीवदया) चौमासा वरिसा-वासा स्त्री. (वर्षा) . जीवन जीवण, जीविअ नपुं. (जीवन-जीवित) जीवहिंसा जीवहिंसा स्त्री. छाया छाही, छाया स्त्री. (छाया) (जीवहिंसा) जीव इत्यादि जीवाइ पुं. (जीवादि) जैनधर्म जइणधम्म पं. (जैनधर्म) जगत जग, जय नपुं. (जगत्) जैसा, इव, विव, ब्व अ. (इव) जिस जंगल रण्ण, अरण्ण तरह नपुं. (अरण्य) जैसा, जिस तरह का जारिस वि. जन्म जम्म, जम्मण (यादृश) पुं. नपुं. (जन्मन्) ज्ञातपुत्र नायपुत्त, नायउत्त पुं. जब जया अ. (यदा) (ज्ञातपुत्र) ज २७९

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