Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 319
________________ भम्-भम्म् (भ्रम्) भ्रमण करना, घूमना मुज्झ् (मुह-मुख़्) मोह करना, घबराना भर् (भृ) भरना, धारण करना मुण् (ज्ञा) जानना भव् (भू) होना, प्राप्त करना . . ---मुबहइ (उद् + वहति) वह धारण भस्-बुक्क् (भष) भूकना , श्वान का बोलना करता है । भा (भा) चमकना, दीपना, प्रकाशना मेल् (मुच्) छोड़ना भाव् (भावय) चिंतन करना भास् (भाष) कहना, बोलना भास्-भिस् (भास्) शोभना, चमकना रंज (रअ) रंग लगाना, खशी करना भिंद (भिद) भेदना, चीरना, फाड़ना रक्ख (रक्ष) रक्षण करना, पालन करना भुंज (भुअ) खाना, जीमना रम् (रम्) क्रीड़ा करना, आनन्द भुल्ल् (भ्रंश) भूलना, गिरना, च्युत होना मानना, संभोग करना। भूस् (भूषय) सजावट करना, शोभना रक्खाव् प्रे. (रक्षय) पालन कराना. रय (रचय) बनाना, निर्माण करना र (रु) शब्द करना, आवाज करना मंत् (मन्त्रय) विचार करना राय-वि + राय (राज्-वि + राज) नि + मंत् (निमन्त्रय) निमंत्रण करना, शोभना, चमकना बुलाना रुध्-रुज्झ्-रुंभ (रुध्) रोकना , मंत पुं. नपुं. (मन्त्र) मन्त्र, विचार, अटकाना गुप्त बात रुच्च्-रोय् (रुच्) रुचना, पसन्द मग्ग् (मार्गय) मांगना, ढूंढ़ना पड़ना मज्ज-मच्च् (मद्) अभिमान करना रुक्-रोव् (रुद्) रोना, रुदन करना मन्न् (मन्-मन्य) मानना, विचारना रुह-रोह (रुह) उगना, बढ़ना, उत्पन्न मर् (म) मरना होना, चढ़ना मरिस् (मृश्) विचारना, सोचना रुस्-रुस्स्-(रुष्-रुष्य) क्रोध करना , रोष मरिस् (मृष्) सहन करना, क्षमा देना करना माण् (मानय्) सम्मान करना, आदर रेह (राज्) शोभना, सुन्दर लगना, करना दीपना, चमकना मिला (म्लै) म्लान होना, निस्तेज रोमन्थ, वग्गोल (रोमन्थय्) पगुराना, होना चबाई हुई चीज को पुनः चबाना, मुंच-मुय् (मुच्-मुञ्च) छोड़ना जुगाली करना. २९६

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