Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 321
________________ विलस् (वि + लस्) विलास करना सं+ जल् (सं + ज्वल्) जलना, क्रोध विवाह (वि + वाह्य) विवाह करना करना, आक्रोश करना वि + सीय (वि + सीद) खेद करना-सं + दिस् (सं + दिश्) संदेश देना, समाचार पहुँचाना विहर (वि + हृ) विहार करना वि + हे (वि + धा) करना, बनाना सं + ध-सं + धा (सं + धा) जोड़ना, सांधना, अनुसंधान करना वीसम-विस्सम (वि + श्रम्) विश्रान्ति सं+ पज्ज (सम्पद्य) प्राप्त करना। लेना सं + प + मज्ज् (सम् + प्र + मृज) वीसर्-विस्सर (वि + स्मृ) भूल जाना साफ करना निर्मल करना वीसस् (वि + श्वस्) विश्वास करना, सं + भर्-सम्हर् (सं + स्मृ) स्मरण भरोसा करना करना, याद करना संहर (सं + हृ) संहार करना, अपहरण दुक्क्-भस् (भष) भसना, भोंकना करना, विनाश करना वेढ् (वेष्ट) लपेटना, वेष्टित करना। सक्क् (शक्) समर्थ होना वेव् (वेप) कांपना, हिलना सड् (सद्) खिन्न होना, क्षय होना वोल (गम्) जाना, गति करना, सद्दह (श्रद् + धा) श्रद्धान करना , उल्लंघन करना, अतिक्रमण करना विश्वास करना वोल् (अति + क्रम्) उल्लंघना, सन्नाम् (आ + दृ) आदर करना अतिक्रमण करना समाण-समान् (सम् + आप्) समाप्त वोसिर् (वि + उत् + सृज) त्याग करना, पूरा करना समायर् (सम् + आ + चर्) करना, करना, छोड़ना आचरण करना समारंभ (समा + रंभ) प्रारम्भ करना, हिंसा करना संगच्छ (सम् + गम्) मिलना, स्वीकार सर (स) सरकना, जाना, खिसक जाना करना सर् (स्मृ) याद करना, सोचना, सं+ चिण (सं + चि) जमा करना स्मरण करना सं + जम् (सं + यम्) संयम लेना, सलह (श्लाघ) प्रशंसा करनी प्रयत्न करना, बाँधना सव् (शप) शाप देना , आक्रोश करना सं + जय् (सं + यत्) अच्छी प्रवृत्ति सव (स) जन्म देना करना स २९८

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