Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 322
________________ सह (सहू) सहन करना सोल्ल् (पच्) पकाना सह (राज) शोभा देना सोह (शोभ) शोभना, चमकना साह (कथ) कहना सोह (शोधय) शुद्धि करनी, गवेषणा साह (साद्य) सिद्धकरना, बनाना, करनी आधीन करना सिंच (सिञ्च) सींचना , छिड़कना हक्क् (नि + सिध्) निषेध करना सिक्ख् (शिक्ष) सीखना, पढ़ना हण (हन्) मारना, वध करना, काटना सिज्ज् (स्विद्) पसीना होना हर् (हृ) हरण करना, छीनना सिज्झ् (सिध्-सिध्य) सिद्ध होना, हरिस् (हृष्-हर्ष) खुश होना, प्रसन्न निष्पन्न होना, बनना होना सिढिल् (शिथिलय) शिथिल करना हव् (ह) होम करना सिणिज्झ् (स्निह्य) स्नेह करना। हव्-भव-हुव् (भू-भव) होना सिलाह (श्लाघ्) प्रशंसा करनी, स्तुति हस्-(हस्) हँसना करनी हिंड् (हिण्ड्) जाना, भ्रमण करना सिलेस् (टिलष) भेटना, आलिंगन करना हिंस् (हिंस्) हिंसा करनी सिब्ब् (सीब) सीना, सिलाई करना हील् (हेलय) तिरस्कार करना , निन्दा सिह (स्पृह) इच्छा करना, चाहना । करनी, अवज्ञा करना सीस्-सिस्स् (शिष्) हिंसा करना, वध करना, शेष करना, शेष रखना , भेद हुण् (ह) होम करना हो (भ) होना करना सीस् (कथय) कहना सुण्-हण् (श्रु) सुनना, श्रवण करना सुमर् (स्मृ) स्मरण करना, संभालना सुव्-सोव् (स्वप्) सोना, शयन करना विश्रान्ति लेनी सुह् (सुखय्) सुखी करना सूय् (सूचय) सूचना करनी सूस्-सुस्स् (शुष्-शुष्य) सूखना सेव् (सेव् सेवा करनी सोय्-सोच् (शुच्-शोच्) शोक करना सन्ताप करना २९९

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