Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan
View full book text
________________
हिन्दी प्राकृत धातुकोष
अ ... क्षय करना निज्जर् (निर् + ज़) अनुग्रह करना अणुगिण्ह, अणुग्गह . ख अनुसरना अणु + सर (अनु + सृ) खडे रहना ठा (स्था) अपमान करना अव + मन्न (अव + -
खाना भुंज (भुअ) मन्य)
खेड़ना करिस् (कृष्)
आ
ग्रहण करना गिण्ह, गह् (ग्रह) गूंथना गंथ्, गंट् (ग्रन्थ)
आनन्द उपजाना पीण् (प्रीण) आराधना करना आ + राह (आ + राध) आवृत्ति करनी परा + वट्ट (परा + वत्) आशा रखनी अविख्, अवेक्ख् (अप + ईक्ष)
चाहना इच्छ (इष्-इछ)
छिड़कना सिंच (सिञ्च) छीनना उद्दाल् (आ + छिद्) छोड़ना मुंच (मुञ्च)
उड़ना उड्डे (उद् + डी) उद्धार करना उद्धर् (उद् + धृ) उद्यम करना उज्जम् (उद् + यम्) उपदेश देना उव + दिस् (उप + दिश्) उल्लंघना अइक्कम् (अति + क्रम्)
जानना बोह, बुज्झ् (बुध-बुध्य) जलाना डह् (दह) जीतना जिण् (जि) जीना जीव् , जिव् (जीव)
क
झुकना नम्-नव् (नम्)
कँपना कंप् (कम्प) कमाना अज्ज्, विढव् (अर्जू) करना कर्, कुण् (कृ) काटना छिंद छिद् कोप करना कुप्प् (कुप्य)
डूबना णिमज्ज्, णुमज्ज् (नि + मस्ज्)
३००

Page Navigation
1 ... 321 322 323 324 325 326