Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 324
________________ डसना डस्, डह् (दंश) डालना पक्खिव् ( प्र + क्षिप् ) त तपास करना मग्ग् (मार्गय्) तरना तर् (त) त्याग करना चय् (त्यज्) द दण्ड करना दंड् (दण्डय्) दूर करना अव + णे (अप + नी) देखना पास्, पस्स (पश्य) दे (दा) देना दा, न नमन करना, नम्-नव् (नम् ) झुकना नमस्कार करना नमस् (नमस्य) नष्ट होना नस्स्, नास् (नश्य) नाश करना नास् (नाशय्) निकलना निस्सर्, नीहर् (निस्सर) निन्दा करना निंद् (निन्द्) निर्वेद पाना निविज्ज् (निर् + विद्य) परीक्षा करनी परिक्ख्, परिच्छ् (परि + ईक्ष) पसन्द आना रुच्च्, रोच (रुच ) प्राप्तकरना पाव् ( प्र + आप ) पार पाना पारंगच्छ् (पारङ्गच्छ) प पढ़ना भण्, पढ् (भण्, पठ) पालन करना पाल् (पालय्) पालन कराना रक्खाव, पालाव प्रे. (रक्षय्, पालय्) पीड़ना पील्, पीड् (पीडय्) पीना पा, पिव् (पा-पिब्) ध धारण करना परि + हा, परि + धा प्रवृत्ति करनी पवट्ट, पयट्ट (प्र + वर्त्) (परि + धा) धिक्कार होना धिद्धी अ. (धिक्-धिक्) प्रवेश करना प + विश् (प्र + विश्) धि अ. ( धिक् ) पूछना पुच्छ् (पृच्छ) पूजा करना अच्च् (अर्च) पैदा करना अज्ज् (अर्ज) फ फाड़ना फाड्, फाल् (पाटय) फेंकना खिब् (क्षिप्) ब बचाना रक्ख् (रक्ष) बढ़ना वड्ढ् (वर्ध) बेचना विक्किण्, विक्के (वि + क्री) बैठना उव + विस् (उप + विश) बोध पाना बुज्झ (बुंध्य) बरसना वरिस् (वर्ष) भ भजना, जपना, सेव् (सेव) ३०१

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