Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 325
________________ भटकना भम् (भ्रम) भय पाना बीह (भी) भरना भर् (भृ-भर्) भसना भस्, बुक्क (भष) भोजन करना भुंज (भुअ) (वि + श्रम्) विश्वास रखना वीसस्, विस्सस् (वि + श्वस्) विहार करना वि + हर् (वि + हर) वृष्टि करनी वरिस् (वर्ष) म ल मारना ताड्, ताल् (ताडय) शुरू करना आ + रंभ, आरभ्, आढव् मिलना लह (लभ) (आ + रभ्) मुाना दुविधा में पड़ना मुज्झ् (मुरा) शोधना, खोजना मग्ग् (मार्गय्) शोभना, सुन्दर लगना सोह (शोभ) वि + राय (वि + राज) रक्षण करना रक्ख (रक्ष) श्रद्धा रखनी सद्दह (श्रद् + धा) रचना, बनाना रय् (रचय) रहना वस् (वस्) स रुचना, पसन्द आना रुच्च्, रोच् संचय करना सं + चिण् (सम् + चि) सहन करना खम् (क्षम्) सह (सह) सिद्ध होना सिज्झ् (सिध्य) सुनना सुण (श्रु) लज्जा आना लज्ज् (लज्ज) सूंघना आइग्घ (आ + घ्रा) लड़ना जुज्झ् (युद्य्-युध्य) सूखना सूस्, सुस्स् (शुष्य) लाना आ + णे (आ + नी) स्तुति करनी थुण् (स्तु) ले जाना ने (नी) लोटना, लेटना पलोट्ट (प्र + लुट) हनना, कत्ल करना हण् (हन्) हुक्म करना आ + दिस् (आ + दिश्) वंदन करना वंद् (वन्द्) वध करना हिंस् (हिंस्) वर्जना वज्ज् (वर्ज) विचार करना मरिस् (मर्श) मंत् (मन्त्रय) विश्रान्ति लेनी वीसम्, विस्सम् ३०२

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